मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में रियल एस्टेट में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टमेंट 21 फीसदी घटकर 79.34 करोड़ डॉलर रह गया। ऑफिस एसेट में निवेश की रफ्तार धीमी होने के कारण ऐसा हुआ है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट कोलियर्स इंडिया (Colliers India) ने एक रिपोर्ट में आज शनिवार को यह जानकारी दी। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह 100.21 करोड़ डॉलर था।
इन आंकड़ों के अनुसार ऑफिस एसेट में जुलाई-सितंबर के दौरान निवेश में 89 फीसदी की भारी गिरावट आई और यह 7.91 करोड़ डॉलर रह गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 69.43 करोड़ डॉलर था। कोलियर्स इंडिया ने बताया कि जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान मिस्क्ड यूज वाले एसेट्स में भी निवेश 73 फीसदी घटकर 2.72 करोड़ डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 10.08 करोड़ डॉलर था।
रेसिडेंशियल एसेट्स में निवेश बढ़ा
हालांकि, रेसिडेंशियल एसेट्स में इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टमेंट इस कैलेंडर ईयर की तीसरी तिमाही में 47 फीसदी बढ़कर 27.46 करोड़ डॉलर हो गया, जो पिछले साल इसी अवधि में 18.7 करोड़ डॉलर था। रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई-सितंबर के दौरान इंडस्ट्रियल और वेयरहाउसिंग एसेट में 34.03 करोड़ डॉलर का निवेश हुआ, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह केवल दो करोड़ डॉलर था।
जुलाई-सितंबर की अवधि के दौरान रियल एस्टेट में निवेश में गिरावट के बावजूद कोलियर्स इंडिया के आंकड़ों से पता चला है कि जनवरी-सितंबर के दौरान इनफ्लो 27 फीसदी बढ़कर 4,558.1 मिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 3,578.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर था।