Property: गुरुग्राम, दिल्ली, मुंबई में 'डॉलर होम्स' की ऊंची मांग, किराए में 40-50% की बढ़ोतरी

ब्रोकर्स के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां मांग इतनी ज्यादा है कि 24 घंटे के भीतर घर कराए पर उठ रहा है और संभावित किरायेदार एक-दूसरे से ज्यादा बोली लगा रहे हैं। किराया 3 लाख रुपए प्रति माह से 14 लाख रुपए प्रति माह के बीच है। दिल्ली में जोर बाग, वसंत विहार, मालचा मार्ग, शांति निकेतन और वेस्ट एंड इस मामले में पसंदीदा लोकेशन हैं। ये इलाके एंबेसी स्कूलों और वाणिज्य दूतावासों के करीब हैं

अपडेटेड Jun 07, 2023 पर 4:39 PM
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गुरुग्राम, दिल्ली, मुंबई में 'डॉलर होम्स' की ऊंची मांग (FILE PHOTO)

भले ही भारत में रियल एस्टेट मार्केट (Real Estate Market) में अहम बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, लेकिन इसमें प्रवासी शामिल हैं। इसके कारण 'डॉलर होम्स' (Dollar Homes) भी देश में पॉपुलर हो रहे हैं। गुरुग्राम, दिल्ली और मुंबई में प्रवासियों की तरफ से किराए पर 'डॉलर होम्स' की मांग में बढ़ोतरी देखी जा रही है और किराए में 40-50% का इजाफा हुआ है। मॉर्डन सुविधाओं वाले कुछ घरों की ज्यादा मांग के कारण किराए में बढ़ोतरी हो रही है। जो लोग विदेश से भारत आते हैं और किराए पर घर लेते हैं, उसे डॉलर होम्स कहा जाता है।

ब्रोकर्स के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां मांग इतनी ज्यादा है कि 24 घंटे के भीतर घर कराए पर उठ रहा है और संभावित किरायेदार एक-दूसरे से ज्यादा बोली लगा रहे हैं। किराया 3 लाख रुपए प्रति माह से 14 लाख रुपए प्रति माह के बीच है।

दिल्ली में जोर बाग, वसंत विहार, मालचा मार्ग, शांति निकेतन और वेस्ट एंड इस मामले में पसंदीदा लोकेशन हैं। ये इलाके एंबेसी स्कूलों और वाणिज्य दूतावासों के करीब हैं।


वेलकम होम लक्जरी रियल एस्टेट सर्विसेज की फाउंडिंग पार्टरन सुश क्लेज ने कहा कि मॉर्डन रिडेवलप अपार्टमेंट की कमी है। सुश भारत में प्रवासियों को घर किराए पर दिलाने में मदद करती हैं।

उन्होंने कहा, "प्रवासी आम तौर पर मॉर्डन अपार्टमेंट की मांग करते हैं, जो हाई एंड किचन फिटिंग, डिवाइस, ब्रांडेड सामान के साथ शानदार बाथरूम और बेहतरीन इंटीरियर आते हैं। ये अपार्टमेंट एंबेसी स्कूलों के करीब हैं और जहां तक ​​​​संभव हो राजनयिक इलाकों के भी करीब होती हैं। उन्होंने ये भी कहा कि अपार्टमेंट के किराए इन सब जरूरतों को पूरा करने पर निर्भर करते हैं।

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क्लेज ने यह भी कहा कि ज्यादा इंटरनेशन कंपनियों के देश में आने, ग्लोबल बिजनेस गठजोड़ की बढ़ती संख्या और दूतावास के कर्मचारियों में बढ़ोतरी के साथ, किराए के लक्जरी घरों की डिमांड, सप्लाई की कमी से प्रभावित हुई है।

उन्होंने कहा, "सबसे अच्छा अपार्टमेंट खोजने की होड़ मची हुई है। सभी आधुनिक सुविधाएं देने वाले बेस्ट अपार्टमेंट की तलाश करना लंदन के मेफेयर जितना ही मुश्किल हो गया है।"

उन्होंने समझाया, "आज आपके पास खाली घरों की लिस्ट है, तो कल तक ये सभी मकान किराए पर उठ जाएंगे। किरायदारों के बीच ज्यादा से ज्यादा किराया देने की होड़ मची है और इसके चलते 24 घंटों के भीतर यूनिट रेंट पर उठ रही है।"

उन्होंने आगे कहा, "हालात ऐसे हैं कि घरों की संख्या कम है और दावेदारों की संख्या ज्यादा। युवा प्रवासियों का एक नया चलन भी है, जो 1,600-2,000 वर्ग फुट के छोटे अपार्टमेंट की मांग करते हैं, लेकिन मॉर्डन उपकरणों के साथ। इनका किराया प्रति माह 2 लाख रुपए से ज्यादा है।" 2-3 महीने का सिक्योरिटी अमाउंट भी अनिवार्य है।

MoneyControl News

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First Published: Jun 07, 2023 4:23 PM

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