Tenant: आज कल रोजगार के लिए शहरों की ओर भाग रहे हैं। यहां हर कोई अपना घर तो नहीं बना सकता है। लिहाजा रहने के लिए किराए की आस में रहता है। उसे किराए का घर भी मिल जाता है। ताकि वो उस शहर में रहकर अपनी रोजी रोटी चला सके। इस बीच मकान मालिक और किराएदारों के बीच झगड़े भी सुने जाते हैं। कुछ किराएदार मकान मालिक की मनमामनी सहते रहते हैं। किराएदार की मजबूरी का फायदा उठाते रहते हैं। कभी-कभी मकान मालिक अचानक से किराएदार को घर खाली करने के लिए कह देते हैं। ऐसे में किराएदार को अपने अधिकारों के बारे में जानकारी होना बेहद जरूरी है।
वैसे भी देश के बड़े शहरों में कई लोग ऐसे मिल जाएंगे, जिनकी कमाई का जरिया सिर्फ किराया है। मकान का किराया ही उनका कारोबार है। बहुत से लोग अपनी प्रॉपर्टी को किराये पर चढ़ाकार लाखों रुपये महीना कमा रहे हैं। अगर आप भी किराएदार हैं और मकान मालिक से परेशान हैं तो यहां दी गई बातों को जरूर ध्यान रखें।
रेंट एग्रीमेंट के मुताबिक, जब तक एग्रीमेंट नहीं खत्म हो जाता है। मकान मालिक किराएदार को बाहर नहीं निकाल सकता है। अगर किराएदार ने 2 महीने से रेंट न दिया हो या उसके मकान का इस्तेमाल कमर्शियल काम या किसी ऐसे काम के लिए कर रहा हो। जिसका जिक्र रेंट एग्रीमेंट में न हो, तो वो किराएदार से मकान खाली करने के लिए कह सकता है। लेकिन इस स्थिति में भी मकान मालिक को किराएदार को 15 दिनों का नोटिस देना पड़ता है। जब एग्रीमेंट खत्म होता है। तभी मकान मालिक किराया बढ़ा सकता है। इसके लिए भी उसे पहले से नोटिस देना होता है। कोई भी मकान मालिक अचानक से किराया नहीं बढ़ा सकते हैं।
बिजली-पानी किराएदार का अधिकार
इसके अलावा मकान मालिक से बिजली का कनेक्शन पीने का साफ पानी पार्किंग जैसी साधारण सुविधा मांगना किराएदार का अधिकार है। कोई भी मकान मालिक इससे इनकार नहीं कर सकता है। मकान मालिक से झगड़ा होने पर बिजली पानी का कनेक्शन काटने का अधिकार नहीं है।
बिना जानकारी के मकान मालिक की एंट्री नहीं
ऐसा नहीं है कि प्रॉपर्टी मकान मालिक है तो जब चाहे किरायेदार के मकान में आ जाएं। अगर मकान मालिक को अपनी किराये की प्रॉपर्टी का मुआयना करना है तो उसे अपने आने से 24 घंटे पहले किरायेदार को बताना होगा। अगर किसी कारण से किराएदार की मृत्यु हो जाए, तो मकान मालिक उसके परिवार को घर खाली करने के लिए नहीं कह सकता है। वो चाहे तो नया एग्रीमेंट बनवा सकते हैं।