मुंबई में प्रॉपर्टी की कीमतों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है। खास तौर पर सितंबर 2023 का महीना इस शहर के लिए काफी अहम साबित हुआ है। इस महीने में काफी ज्यादा रजिस्ट्रेशन और उससे होने वाला रेवेन्यू दर्ज किया गया है। यह पिछले दस सालों के दौरान सितंबर के महीने में सबसे ज्यादा रहा है। नाइट फ्रैंक इंडिया से मिले आंकड़ों के मुताबिक BMC के तहत आने वाले मुंबई शहर में 10,652 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराया गया। जिससे कि सरकार को 1,127 करोड़ रुपये का रेवेन्यू हासिल हुआ। वहीं रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी के मामले में साल दर साल आधार पर 23 फीसदी तक का इजाफा देखने को मिला है। वही रेवेन्यू में साल दर साल के आधार पर 54 फीसदी तक का इजाफा हुआ है। इनमें 82 फीसदी प्रॉपर्टी रेजिडेंशियल हैं जबकि बाकी की 18 फीसदी कॉमर्शियल हैं।
मुंबई में मजबूत बना हुआ है रियल ऐस्टेट सेक्टर
रिपोर्ट के मुताबिक यह रिपोर्ट मुंबई के रेजिडेंशिल एस्टेट सेक्टर की मजबूती को दिखाता है। इसके अलावा यह रिपोर्ट बढ़ती इनकम और घर खरदीने के लिए लोगों के पॉजिटिव नजरिए को भी दिखाती है। वहीं मुंबई के मध्य और पश्चिमी इलाके में मौजूद उपनगरों में भी इजाफा देखने को मिला है। इन इलाकों में नई प्रॉपर्टी डेवलप की जा रही हैं। इसके अलावा इन इलाकों में कनेक्टिविटी का नेटवर्क भी काफी बेहतर बना हुआ है। आगे इसे मेट्रो से भी जोड़ा जाना है जिस वजह से यहां पर लोग प्रॉपर्टी खरीदना चाहते हैं।
इन जगहों पर निवेश करना चाहते हैं खरीदार
पश्चिमी उपनगर के लगभग 75% खरीदार और मध्य उपनगर के 82% खरीदार अपने पहचान वाली जगहों पर प्रॉपर्टी खरीदना चाह रहे हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि वे लोग उस जगह से वाकिफ होते हैं। साल 2023 के पहले नौ महीनों के दौरान मुंबई में 94,383 प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन कराया गया था। जिसकी वजह से राज्य के खजाने में 8,389 करोड़ रुपये पहुंचे थे। साल 2013 के बाद सितंबर के महीने में यह सबसे ज्यादा है।
प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन में इस उछाल की वजह से सरकार का खजाना भी भरा है। ज्यादा कीमत वाली प्रॉपर्टी के रजिस्ट्रेशन और स्टांप ड्यूटी की वजह से सरकार के खजाने में काफी पैसा पहुंचा है। नाइट फ्रैंक इंडिया के चेयरमैन और एमडी शिशिर बैजल ने कहा, "मुंबई रेजिडेंशियल बाजार लगातार 10,000-संपत्ति के आंकड़े को पार कर गया है। वास्तव में, 2023 के पहले नौ महीनों के लिए, हमने मासिक औसत 10,420 संपत्ति लेनदेन देखा है। 1 करोड़ रुपये और उससे ज्यादा कीमत की संपत्तियों की बढ़ती डिमांड और बड़े और महंगे घरों को खरीदने की इच्छा संपत्ति की कीमतों में बढ़ोतरी को दिखाती है। इसके अलावा ब्याज दरों में भी कोई बदलाव नहीं होने से घर खरीदार और बढ़ सकते हैं। बैजल ने कहा कि इस तरह की स्थिति हमारे रेजिडेंशियल बाजार की ताकत को और मजबूत करने की क्षमता रखती है।
पिछले 1 साल में बढ़ा है रजिस्ट्रेशन
रिपोर्ट में कहा गया है कि हाल के सालों में, 1 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा कीमतों की प्रॉपर्टी के लिए प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन लगातार बढ़ा है। यह अनुपात जनवरी से सितंबर 2020 में 49% से बढ़कर जनवरी से सितंबर 2023 में लगभग 57% हो गया है। इस अवधि के दौरान ब्याज दर में बेस प्वाइं के इजाफे के साथ संपत्ति की कीमतों में इजाफे ने 1 करोड़ रुपये की सीमा से नीचे प्रॉपर्टी पर असर डाला है। हालांकि, 1 करोड़ और उससे ज्यादा की संपत्तियों के रजिस्ट्रेशन पर इन बदलावों का सीमित असर ही पड़ा है।