महाराष्ट्र सरकार ने 30 मई को एक वर्ष की अवधि के लिए मुंबई में अपनी क्लस्टर विकास नीति (cluster development policy in Mumbai) के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स द्वारा देय प्रीमियम पर 50 प्रतिशत छूट की घोषणा की। यह एक ऐसा कदम है जिससे शहर में पुरानी इमारतों के पुनर्विकास में मदद मिलने की उम्मीद है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Maharashtra Chief Minister Eknath Shinde) ने राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद घोषणा के दौरान संवाददाताओं से कहा कि इसके तहत मुंबई शहर में पुरानी और जर्जर इमारतों के पुनर्विकास को बढ़ावा मिलेगा।
शिंदे ने कहा, "मुंबई में, क्लस्टर डेवलपमेंट के लिए हमने गति देने का फैसला किया है। यह सैकड़ों पुरानी और जर्जर इमारतों का पुनर्विकास सुनिश्चित करेगा। इसके लिए हमने इस तरह के इमारतों के पुनर्विकास के लिए प्रीमियम में 50 प्रतिशत छूट देने का फैसला किया है। इससे लाखों नागरिकों को लाभ मिलेगा।"
कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री और आवास मंत्री देवेंद्र फडणवीस (Deputy Chief Minister and Housing Minister Devendra Fadnavis ) ने कहा, "हमने शहर में क्लस्टर रीडेवलपमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह एक साल लंबी योजना शुरू की है। यह अधिक किफायती आवास का स्टॉक बनाने का एक तरीका भी है। अभी के लिए हमने योजना को असीमित समय के लिए नहीं रखा है। यह केवल उन प्रस्तावों के लिए मान्य होगा जो एक वर्ष की अवधि में आते हैं।"
क्लस्टर डेवलपमेंट क्या है?
क्लस्टर विकास नीति वह है जहां एक से अधिक भूखंडों या बिल्डिंगों को एक साथ क्लस्टर बनाकर पुनर्विकास के लिए लिया जाता है। इसके तहत राज्य सरकार डेवलपर्स को अतिरिक्त फ्लोर स्पेस इंडेक्स (FSI) सहित विभिन्न छूट प्रदान करती है। इससे मुंबई शहर की पुरानी इमारतों के पुनर्विकास पर ध्यान दिया जाता है। इस तरह की एक और छूट अब 50 प्रतिशत प्रीमियम माफी की होगी। मुंबई में करीब 300 बेहद खतरनाक इमारतें हैं और जर्जर इमारतों का आंकड़ा हजारों में है।
प्रीमियम एक प्रोजेक्ट में क्षेत्रफल या अतिरिक्त क्षेत्रफल को शुरू करने, गति बढ़ाने और पूरा करने के लिए अप्रूवल देन के संबंध में अधिकारियों द्वारा लगाया जाने वाला शुल्क है। इनमें फंजिबल प्रीमियम, FSI (फ्लोर स्पेस इंडेक्स) के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम, ओपन स्पेस की कमी का प्रीमियम, निर्माण के लिए अधिक जमीन कवर करने के लिए भुगतान किया गया प्रीमियम, लॉबी, लिफ्ट वेल, सीढ़ियो पर लगाया जाने वाला प्रीमियम आदि शामिल हैं।
मुंबई में, 20 से अधिक प्रकार के प्रीमियम हैं जो एक डेवलपर द्वारा अधिकारियों को भुगतान किया जाता है। एक डेवलपर ने नाम नहीं छापने शर्त पर बताया कि प्रोजेक्ट की लागत का लगभग 20 से 30 प्रतिशत राशि इन प्रीमियमों के भुगतान में लगती है।
महाराष्ट्र सरकार ने जनवरी 2021 में सभी प्रकार की परियोजनाओं के लिए विभिन्न प्रीमियमों के लिए 50 प्रतिशत की छूट की घोषणा की थी। हालांकि यह उन डेवलपर्स के लिए लागू होगा जो शेष 50 प्रतिशत प्रीमियम का अग्रिम भुगतान करने को तैयार थे।
25 से 30 बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स को मिलेगा इसका लाभ
इस बीच सरकार के फैसले पर प्रतिक्रिया करते हुए मुंबई के एक डेवलपर ने कहा, "हमने मांग की थी कि राज्य सरकार को सभी प्रकार की रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स में प्रीमियम में 50 प्रतिशत की कटौती करनी चाहिए। हालांकि, यहां केवल क्लस्टर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स पर विचार किया जा रहा है। इस कदम से शहर में केवल 25 से 30 बड़े रियल एस्टेट डेवलपर्स को इसका लाभ मिलेगा। इस योजना में छोटे डेवलपर्स या मध्यम आकार के डेवलपर्स के लिए कुछ भी नहीं है।