MC Explains : क्या मकानमालिक बेचने के लिए किराएदार को फ्लैट खाली करने को कह सकता है?

पिछले डेढ-दो साल में बेंगलुरु में फ्लैट की कीमतें काफी बढ़ गई हैं। ऐसे में मकानमालिक अपनी प्रॉपर्टी बेचने की जल्दबाजी में हैं। वे प्रॉपर्टी की कीमतों में आए उछाल का फायदा उठाना चाहते हैं। वे एग्रीमेंट पीरियड पूरा होने से पहले ही किराएदार पर फ्लैट खाली करने का दबाव बना रहे हैं

अपडेटेड Nov 13, 2023 पर 12:48 PM
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जिस तरह से बेंगलुरु में रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए लोकल गवर्निंग बॉडीज को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। केंद्र सरकार की कैबिनेट ने 2 जून, 2021 को मॉडल टेनेंसी एक्ट (MTA) को मंजूरी दी थी। इसमें प्रॉपर्टी किराए पर देने के नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है। दोनों पक्षों के लिहाज से नियम और शर्तों को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है।

बेंगलुरु में प्रॉपर्टी की बढ़ती कीमतों ने किरायदारों के लिए समस्या पैदा कर दी है। मकानमालिक किराएदार को एग्रीमेंट पीरियड (Rent Agreement) पूरा होने से पहले ही फ्लैट खाली करने को कह रहे हैं। वजह यह है कि मकानमालिक अपनी प्रॉपर्टी बेचने की जल्दबाजी में हैं। लोकल ब्रोकर्स का कहना है कि बेंगलुरु में रियल एस्टेट की कीमतें पीक पर हैं। मकानमालिक कीमतों में आए उछाल का फायदा उठाना चाहते हैं। वे एग्रीमेंट पीरियड पूरा होने से पहले ही किराएदार पर फ्लैट खाली करने का दबाव बना रहे हैं। सवाल है कि क्या मकानमालिक फ्लैट को बेचने के लिए किराएदार को तय समय से पहले फ्लैट खाली करने के लिए कह सकता है? एक्सपर्ट्स के पास भी इस सवाल का सीधा जवाब नहीं है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह मकानमालिक और किराएदार के बीच एग्रीमेंट की शर्तों पर निर्भर करता है।

क्या कहता है कानून?

प्रॉपर्टी से जुड़े मामलों के एडवोकेट श्रीनिवास वी ने बताया कि 11 महीने के रेंटल एग्रीमेंट को सब-रजिस्ट्रार के ऑफिस में रजिस्ट्रड कराना जरूरी नहीं है। रजिस्ट्रेशन एक्ट, 1908 के क्लॉज (डी) के सब-सेक्शन (1) के मुताबिक, प्रॉपर्टी का रजिस्ट्रेशन तभी जरूरी है जब उसे एक साल या इससे ज्यादा समय के लिए लीज पर दिया जा रहा हो। उन्होंने कहा, "एग्रीमेंट में एक क्लाज शामिल होता है जिसमें इस बात का उल्लेख होता है कि दोनों में कोई पार्टी नोटिस पीरियड पूरा करने के बाद प्रॉपर्टी खाली कर सकती है। एग्रीमेंट में इस क्लॉज में बदलाव हो सकता है। ऐसे में मकानमालिक किराएदार को नोटिस दे सकता है। वह नोटिस पीरियड पूरा होने पर किराएदार को घर खाली करने को कह सकता है।"


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कानून के जानकारों की क्या राय है?

एक दूसरे वकील विट्टल बीआर ने बताया कि अगर एग्रीमेंट में ऐसा क्लाज नहीं है तो किराएदार ऐसे नोटिस पर रोक लगाने के लिए सिविल कोर्ट जा सकता है। इससे पहले उसे मकानमालिक को लीगल नोटिस भेजना होगा। लेकिन, एग्रीमेंट रजिस्टर्ड होने की स्थिति में किराएदार के लिए घर खाली करने के नोटिस को चैलेंज करना मुश्किल हो जाता है। आम तौर पर 11 महीने से ज्यादा के रेंटल एग्रीमेंट में भी दोनों पार्टियां (मकानमालिक और किरायादार) उसका रजिस्ट्रेशन कराने से बचती हैं। इसकी वजह यह है कि इसमें स्टैंप ड्यूटी पर बड़ा खर्च आता है।

ज्यादातर मकानमालिक-किराएदार एग्रीमेंट रजिस्टर्ड नहीं कराते हैं

इंडियन स्टैंप ड्यूटी एक्ट, 1899 के सेक्शन 3 के मुताबिक, हर लीगल डॉक्युमेंट्स पर स्टैंप ड्यूटी चुकाना जरूरी है। मनीकंट्रोल ने कम से कम 10 किरायदारों से स्टैंप ड्यूटी पेमेंट के बारे में पूछा। इनमें से एक ने भी रेंटल एग्रीमेंट के दौरान स्टैंप ड्यूटी नहीं चुकाई थी। वकीलों का कहना है कि ऐसे मामलों में कोर्ट सुनवाई करने से पहले किराएदार पर जुर्माना लगाएगा। वह मकानमालिक यानी दोनों पक्षों पर जुर्माना लगा सकता है। इसकी वजह यह है कि एग्रीमेंट पर मकानमालिक का भी हस्ताक्षर होता है और उसकी जिम्मेदारी बनती है।

बेंगलुरु में बढ़ता किराया बढ़ा रहा मुसीबत

विट्टल का कहना है कि जिस तरह से बेंगलुरु में रियल एस्टेट की कीमतें बढ़ रही हैं, उसे देखते हुए लोकल गवर्निंग बॉडीज को हस्तक्षेप करने की जरूरत है। केंद्र सरकार की कैबिनेट ने 2 जून, 2021 को मॉडल टेनेंसी एक्ट (MTA) को मंजूरी दी थी। इसमें प्रॉपर्टी किराए पर देने के नियमों को तर्कसंगत बनाया गया है। दोनों पक्षों के लिहाज से नियम और शर्तों को पारदर्शी बनाने की कोशिश की गई है। इस एक्ट में हर राज्य और हर केंद्र शासित प्रदेश में एक रेंट अथॉरिटी और रेंट कोर्ट बनाने का प्रस्ताव है। इसका काम प्रॉपर्टी के मालिक और किराएदार से जुड़े मामलों का निपटारा करना होगा।

केंद्र सरकार का क्या है रुख?

चूंकि जमीन और शहरी विकास से जुड़े मामले राज्यों के तहत आते हैं, जिससे नए एक्ट को ध्यान में रख सिर्फ चार राज्यों ने अपने टेनेंसी लॉज में संशोधन किए हैं। आवास और शहरों मामलों (MoHUA) के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने जुलाई 2022 में राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा था कि MoHUA के पास उपलब्ध जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेष और असम ने MTA को ध्यान में रख अपने टेनेंस एक्ट में बदलाव कर दिए हैं।

MoneyControl News

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First Published: Nov 13, 2023 12:42 PM

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