महाराष्ट्र रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (MahaRERA) ने एक अहम आदेश दिया है। उसने कहा है कि घर का पजेशन लेने के बाद ग्राहक (घर खरीदार) घर के पजेशन में देर के लिए मुआवजा या इंटरेस्ट का दावा नहीं कर सकते। उसने RERA Act के सेक्शन 18 के तहत यह आदेश दिया है। उसने कहा है कि इस सेक्शन में यह कहा गया है कि शिकायत करने के वक्त नियमों का उल्लंघन होना चाहिए। यह मामला क्या है आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं। पुणे के गिरिश भोइते ने परांजपे स्कीम्स कंस्ट्रक्शन लिमिटेड से घर खरीदा था। घर की कीमत 50 लाख रुपये थी। इसका एग्रीमेंट जून 2015 में हुआ था। आर्डर की कॉपी में कहा गया है कि इस घर की डिलीवरी मार्च 2019 में होनी थी। भोइते को मई 2022 में घर का पेजशन मिला। इसके बाद भोइते ने MahaRERA में एक शिकायत दर्ज कराई। इसमें घर के पजेशन में देर के लिए मुआवजे और इंटरेस्ट का दावा किया गया।
रियल एस्टेट कंपनी ने दिया यह जवाब
परांजपे स्कीम्स कंस्ट्रक्शन ने भोइते की शिकायत पर अपने जवाब में कहा कि चूंकि यह शिकायत घर का पजेशन लेने के बाद फाइल की गई है, जिससे इस पर सुनवाई नहीं हो सकती। उसने यह भी कहा कि पर्यावरण संबंधी क्लियरेंस मिलने में देरी की वजह से पजेशन देने में देर हुई। उसके बाद कोविड की महामारी की वजह से देर हुई। इस रियल एस्टेट कंपनी ने कहा कि उसे अप्रैल 2021 में इस प्रोजेक्ट के लिए अकुपेशन सर्टिफिकेट मिला। इस बारे में घर खरीदार को बता दिया गया। इसके बावजूद उन्होंने पजेशन लेने में देर की। उन्होंने मई 2022 में घर का पेजशन लिया। रियल एस्टेट कंपनी ने कहा कि ग्राहक को हुए नुकसान के लिए पहले ही राहत दी जा चुकी है। उससे पुराने रेट से जीएसटी लिया गया है। उसे अपार्टमेंट का एक साल का मेंटेनेंस चार्ज माफ कर देने का ऑफर दिया गया है।
MahaRERA ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद सुनाया यह फैसला
MahaRERA ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि पजेशन में देर पर इंटरेस्ट या मुआवजा तभी मिलता है जब डेवलपर एग्रीमेंट में बताई गई तारीख पर घर का पजेशन देने या प्रोजेक्ट को पूरा करने में नाकाम रहता है। इस मामले में 8 नवंबर को सुनाए गए आदेश में महारेरा ने कहा कि इस मामले में शिकायत घर का पजेशन लेने के बाद फाइल की गई है। शिकायतकर्ता ने भी यह बात मानी है। इसलिए होमबायर को RERA Act के सेक्शन 18 के तहत किसी तरह की राहत नहीं दी जा सकती। इस सेक्शन में कहा गया है कि नियम का उल्लंघन शिकायत फाइलिंग के समय होना चाहिए। शिकायत पजेशन लेने के बाद भविष्य में किसी तारीख को फाइल नहीं की जा सकती।
महाराष्ट्र रियल एस्टेट अपेलेट ट्राइब्यूनल (MERAT) ने ऐसे ही एक मामले में 2021 में अपने आदेश में कहा था कि जब पजेशन बताई गई तारीख के बाद दिया जाता है तो RERA Act के सेक्शन 18 के प्रावधानों के तहत ग्राहक राहत पाने का हकदार है। MERAT ने कहा था कि यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि अथॉरिटी (MahaRERA) ऐसे कई मामलों में ऐसे नजरियां अपनाती रही है, जिन्हें स्वीकार करने पर रियल एस्टेट सेक्टर के लिए दूरगामी परिणाम हो सकते हैं। इस तरह के नजरिया को इस ट्राइब्यूनल ने पहले भी मंजूर नहीं किया है।