Property: हिमाचल प्रदेश में इन दिनों अवैध रूप से घर तेजी से बनाए जा रहे हैं। इसी को देखते हुए अब प्रदेश की सुक्खू सरकार इनके खिलाफ सख्त रवैया अपनाने जा रही है। राज्य में अब कोई भी अवैध भवन निर्माण कराते पकड़ा गया या जिसकी शिकायत मिली। उसकी बिजली-पानी समेत तमाम मूलभूत सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी। बता दें कि हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश और बाढ़ आने से कई लोगों के मकान ढह गए है। इसके बाद सरकार ने सख्त रूख अपनाया है। सरकार का कहना है कि नक्शा पास करवाकर ही घर बनवाना होगा। इसके लिए भवन निर्माण संबंधित इंजीनियर की रिपोर्ट अनिवार्य होगी।
दरअसल, प्रदेश में आई आपदा में कई मकान गिर गए हैं। मूसलाधार बारिश के चलते प्रदेश भर में 500 से ज्यादा मकान ढह गए हैं। ज्यादातर मकान शिमला, कुल्लू, मनाली, बिलासपुर और मंडी में ढ़हे हैं। इस बीच कई मकानों में दरारें भी आ गई हैं, जिनके गिरने की आशंका जताई जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में घर बनाने से पहले सिविल इंजीनियर लेना होगी रिपोर्ट
हिमाचल प्रदेश में घर बनवाने से पहले नक्शा पास कराना जरूरी है। अगर आपको भवन निर्माण संबंधित इंजीनियर यानी सिविल इंजीनियर से रिपोर्ट मिल जाती है तो आप उस डिजाइन के हिसाब से घर बनवा सकते हैं। शहरी निकाय और नगर नियोजन इसकी निगरानी करेगा। अगर कोई भी ठेकेदार बिना लाइसेंस और नक्शा पास कराए बिना घर बनाते हुए पकड़ा जाता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रधान सचिव टीसीपी देवेश कुमार का कहना है कि इंजीनियर से नक्शा पास कराकर ही घर बनाने का काम शुरू करना चाहिए। वहीं अगर नक्शा नहीं पास कराया गया है तो विकास प्राधिकरण कभी भी घर ढहा सकता है।
हाईवे से दूर बनाना चाहिए घर
हाईवे के मध्य से दोनों ओर 75-75 मीटर दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है। अगर निर्माण बेहद जरूरी है तो NHAI और राजमार्ग मंत्रालय से अनुमति लेना जरूरी है। राष्ट्रीय राजमार्ग नियंत्रण एक्ट की धारा 42 के तहत नई व्यवस्था में स्पष्ट है कि हाई-वे के मध्य से 40 मीटर तक निर्माण काम की इजाजत नहीं दी जा सकती है। जबकि 40 से 75 मीटर के दायरे में निर्माण बहुत जरूरी है तो जमीन के मालिक को एनएचएआई से मंजूरी लेनी होगी।
एनएचएआई की सिफारिश पर राजमार्ग मंत्रालय अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) जारी करेगा। राजमार्ग मंत्रालय की एनओसी के बाद ही संबंधित विकास प्राधिकरण या जिला पंचायत नक्शा पास करेंगे।