भारत में ऑल्टरनेटिव एसेट्स सेगमेंट के कुल निवेश में फॉरेन इनवेस्टमेंट की हिस्सेदारी 78 पर्सेंट रही। ग्लोबल इनवेस्टमेंट मैनेजमेंट कंपनी कोलियर्स (Colliers) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 से 2023 की पहली छमाही तक ऑल्टरनेटिव एसेट्स सेगमेंट (alternative assets segment) में कुल 2 अरब डॉलर का निवेश हुआ। यह रिपोर्ट 5 सितंबर को जारी की गई।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'साझा इकनॉमी के उभार, डिजिटलाइजेशन में बढ़ोतरी, अनुकूल सरकारी नीतियों की वजह से संस्थागत निवशक अब डेटा सेंटर, लाइफ साइसेंज जैसे नॉन-कोर एसेट्स में भी निवेश बढ़ा रहे हैं।'
बीते साल यानी 2022 के दौरान ऑल्टरनेटिव एसेट्स सेगमेंट में निवेश 0.9 अरब डॉलर हो गया, जो 2019 के मुकाबले तकरीबन चार गुना है। इस सेक्टर में विदेशी निवेश भी काफी तेजी से बढ़ रहा है और 2022 में इसमें 2019 के मुकाबले 6 गुना बढ़ोतरी हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'फॉरेन इनवेस्टर्स द्वारा रियल-एस्टेट मार्केट पर दांव लगाने का सिलसिला जारी है, क्योंकि भारत एशिया, यूरोप और अमेरिका में सबसे तेज ग्रोथ वाली अर्थव्यवस्था है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 2023 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 6.6 पर्सेंट रहने का अनुमान जताया है।'
कैपिटल मार्केट्स एंड इनवेस्टमेंट सर्विसेज (Capital Markets and Investment Services) के मैनेजिंग डायरेक्टर पीयूष गुप्ता ने बताया, 'ऑल्टरनेटिव इंडस्ट्री के जरिये इनवेस्टर्स और ऑपरेटर्स को पार्टनरशिप के अहम मौके मिल सकते हैं।
भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर में अब भी सबसे ज्यादा इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट कोर सेक्टर में है, लेकिन ऑल्टरनेटिव एसेट्स सेगमेंट की हिस्सेदारी में भी अच्छी बढ़ोतरी हुई है। साल 2019 में ऑल्टरनेटिव एसेट्स की हिस्सेदारी 3 पर्सेंट थी, जो 2022 में बढ़कर 18 पर्सेंट हो गई।'
निवेश में डेटा सेंटर का दबदबा
साल 2019 से अब तक डेटा सेंटर को 1 अरब डॉलर का इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टमेंट मिला है और पिछले 5 साल में इसमें कई गुना बढ़ोतरी हुई है। संबंधित अवधि (2019 से 2023 की पहली छमाही तक) में ऑल्टरनेटिव एसेट्स से जुड़े कुल निवेश में डेटा सेंटर की हिस्सेदारी 51 पर्सेंट रही।