FlipKart ने अपने करीब 19,000 एप्लॉयीज को 5,600 करोड़ रुपये बांटने का फैसला किया है। इस खबर से रियल एस्टेट कंपनियों के चेहरे खिल गए हैं। रियल एस्टेट इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों का कहना है कि इसमें से काफी पैसा रियल एस्टेट सेक्टर में आ सकता है। उनका मानना है कि फ्लिपकार्ट के कई एप्लॉयीज अगले कुछ महीनों में बेंगलुरु में 2,800 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं। फ्लिपकार्ट ने इस हफ्ते की शुरुआत में एंप्लॉयीज को पैसे देने शुरू कर दिए हैं। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि 5,600 करोड़ में से करीब आधा पैसा एंप्लॉयीज प्रॉपर्टी खरीदने पर खर्च कर सकते हैं।
2,800 करोड़ का निवेश प्रॉपर्टी में हो सकता है
Zapkey के को-फाउंडर संदीप रेड्डी ने कहा, "रियल एस्टेट मार्केट में आधा पैसा आने का मतलब है कि फ्लिपकार्ट के एंप्लॉयीज अगले कुछ महीनों में बेंगलुरु में 2,800 करोड़ रुपये मूल्य की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं।" Flipkart ने दिसंबर में कहा था कि कंपनी से PhonePe के अलग होने के बाद वह एंप्लॉयीज को एकमुश्त अमाउंट का पेमेंट करेगी। यह कंपनसेशन फ्लिपकार्ट के शेयरों में फोनपे की वैल्यू के बराबर है।
टैलेंट पर फोकस कर रही फ्लिपकार्ट
इस बारे में फ्लिपकार्ट का रिस्पॉन्स जानने के लिए उसे भेजे गए ईमेल का यह जवाब मिला, "हमसे संपर्क करने के लिए धन्यवाद। हालांकि, हमारे पास इस मामले में बताने के लिए कुछ नहीं है।" इससे पहले मनीकंट्रोल ने खबर दी थी कि Flipkart फाइनेंशियल सर्विसेज यूनिकॉर्न PhonePe के अलग होने पर एंप्लॉयीज के 70 करोड़ डॉलर के एंप्लॉयी स्टॉक ऑप्शंस (ESOPs) को बायबैक करेगी। खास बात यह है कि फ्लिपकार्ट ऐसे वक्त टैलेंट (एंप्लॉयीज) को अपने साथ बनाए रखने और नई हायरिंग कर रही है, जब इंडिया के दूसरे कई बड़े स्टार्टअप्स फंड की कमी के चलते एंप्लॉयीज को नौकरी से निकाल रहे हैं।
4 बीएचके और विला की कीमत 3.5 से 5 करोड़ रुपये के बीच
रियल एस्टेट कंसल्टेंसी फर्म ORO PropTech के विक्रम रेड्डी ने कहा कि Flipkart का ऑफिस बेंगलुरु में बेलंदूर में है। अनुमान है कि इस इलाके के प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की मांग बढ़ेगी। इसके चलते उनकी कीमतें भी बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि फ्लिपकार्ट के कई सीनियर लेवल एंप्लॉयीज ने रियल एस्टेट में निवेश करने के लिए उनसे संपर्क किए हैं। बेलंदूर इलाके में 4 BHK और विला की मांग है, जिनकी कीमतें 3.5 से 5 करोड़ रुपये के बीच है। उन्होंने कहा कि इनमें से ज्यादातर एंप्लॉयीज का यह दूसरा घर होगा। इस इलाके में जिन रियल एस्टेट कंपनियों के अपार्टमेंट्स हैं, उनमें Adarsh, Mantri, Embassy और Prestige शामिल हैं।
टैक्स बचाने के लिए घर में निवेश कर रहे एंप्लॉयीज
इनमें से ज्यादातर एंप्लॉयीज प्रॉपर्टी में निवेश कर कैपिटल गेंस टैक्स को ऑफसेट करने के लिए घर खरीदना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि टिकट साइज ज्यादा होने से सेविंग्स ज्यादा होती है। इसलिए उनके लिए कंपनी से मिले पैसे पर टैक्स चुकाने की जगह बड़े घर खरीदना फायदेमंद है। अगर 30 फीसदी टैक्स मान लिया जाए तो 19,000 में से हर एंप्लॉयीज को करीब 20 लाख रुपये मिलेंगे। हालांकि, सीनियर लेवले के एंप्लॉयीज को ज्यादा पैसे मिलेंगे।