कोर्ट ने बेंगलुरु में Sterling Ascentia में अपार्टमेंट्स के कंस्ट्रक्शन पर रोक लगा दी है। स्टर्लिंग एसेंशिया एक लग्जरी प्रोजेक्ट है, जो Whitefield के ईस्टर्न आईटी कॉरिडोर के नजदीक है। इस प्रोजेक्ट को स्टॉर्मवाटर ड्रेंस पर बनाने के आरोप लगे हैं। कोर्ट के अंतरिम आदेश के बाद Sterling Urban Infra Projects और उससे जुड़ी कंपनियां इस प्रोजेक्ट में कंस्ट्रक्शन या उसमें किसी तरह का बदलाव नहीं कर सकेंगी। यह रोक तब तक जारी रहेगी, जब तक कोर्ट इस मामले का निपटारा नहीं कर देता है। मनीकंट्रोल ने इस मसले से जुड़े डॉक्युमेंट्स देखे हैं।
कोर्ट ने तहसीलदार से मांगी प्रोजेक्ट के बारे में रिपोर्ट
कर्नाटक में बेंगलुरु ईस्ट तालुक के लैंड ग्रैबिंग प्रोबिशन स्पेशल कोर्ट ने इस बारे में 10 अगस्त को आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है, "मामले में रिस्पॉन्डेंट बेंगलुरु ईस्ट तालुक के तहसीलदार को डिटेल रिपोर्ट सब्मिट करने का निर्देश दिया जाता है। मामले की अगली सुनवाई से पहले या तक इस प्रोजेक्ट पर लगे आरोपों पर भी स्टेटस रिपोर्ट दाखिल किया जाए।" कोर्ट ने तहसीलदार को यह भी बताने को कहा है कि अतिक्रमण कितना हुआ है। उन्हें इस बारे में डिटेल के साथ सर्वे स्केच कोर्ट को सब्मिट करना होगा।
प्रोजेक्ट के खिलाफ शिकायत 7 अगस्त को की गई थी
इस प्रोजेक्ट के खिलाफ शिकायत जगन कुमार ने की है। वह सोशल एक्टिविस्ट हैं। उन्होंने इस मामले में 7 अगस्त को शिकायत की थी। इस मामले की अगली सुवनाई अक्टूबर में होगी। कर्नाटक सरकार ने 2015 में कर्नाटक लैंड ग्रैबिंग प्रोबिशन स्पेशल कोर्ट को नोटिफाय किया था। यह क्रिमिनल कोर्ट है, जिसका काम जमीन पर अवैध कब्जे और अनअथऑराइज्ड स्ट्रक्चर के कंस्ट्रक्शन से जुड़े मामले की सुनवाई करना है।
ग्रीन टाइब्यूनल में भी प्रोजेक्ट के खिलाफ की गई है शिकायत
जगन कुमार का दावा है कि स्टर्लिंग एसेंशिया के टावर्स स्टॉर्मवाटर ड्रेंस के इलाके का अतिक्रमण कर बनाए जा रहे हैं। इस इलाके में पार्किंग एरिया और कंपाउंड वॉल सहित कई तरह की कॉमन फैसिलिटीज हैं। इस प्रोजेक्ट में घर खरीदने वाले एक ग्राहक ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उन्होंने अपार्टमेंट खरीदने के लिए 1.5 करोड़ रुपये निवेश किया है। इस प्रोजेक्ट के खिलाफ परमेशन वी ने भी याचिका दाखिल की थी। इसमें उन्होंने डेवलपर पर जमीन के अतिक्रमण का आरोप लगाया था। यह याचिका नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल में लंबित है।