Affordable Housing : अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग में आई गिरावट, 2023 की पहली छमाही में इस सेगमेंट में बिके 20% घर

रियल एस्टेट कंसल्टेंट Anarock ने 23 जुलाई को कहा कि 2023 की पहली छमाही में 7 बड़े भारतीय शहरों में बेची गई 2.29 लाख यूनिट में से केवल 20 फीसदी या लगभग 46,650 अपार्टमेंट अफोर्डेबल हाउस थे, जिनकी कीमत 40 लाख रुपये से कम थी

अपडेटेड Jul 23, 2023 पर 4:56 PM
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2023 की पहली छमाही में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग घटकर 20 फीसदी रह गई।

Affordable Housing : 2023 की पहली छमाही में अफोर्डेबल हाउसिंग की मांग घटकर 20 फीसदी रह गई। जमीन की बढ़ती कीमतों और इनपुट लागत ने अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट को प्रभावित किया है। रियल एस्टेट कंसल्टेंट Anarock ने 23 जुलाई को कहा कि 2023 की पहली छमाही में 7 बड़े भारतीय शहरों में बेची गई 2.29 लाख यूनिट में से केवल 20 फीसदी या लगभग 46,650 अपार्टमेंट अफोर्डेबल हाउस थे, जिनकी कीमत 40 लाख रुपये से कम थी। एनारॉक रिसर्च डेटा से पता चलता है कि एक साल पहले की अवधि में बेचे गए 1.84 लाख घरों में से अफोर्डेबल हाउस की हिस्सेदारी 30 फीसदी या 57060 यूनिट थी।

कहां कितने बिके अफोर्डेबल हाउस

Anarock ग्रुप के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, "इस पूर्ववर्ती पोस्टर-बॉय सेगमेंट की कुल बिक्री हिस्सेदारी 2023 की पहली छमाही में घटकर लगभग 20 प्रतिशत रह गई है, जो 2022 की इसी अवधि में 31 प्रतिशत थी।" मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन (MMR) और पुणे में 37 फीसदी (17,470 यूनिट्स) और 21 फीसदी (लगभग 9,700 घर) हिस्सेदारी के साथ सबसे अधिक किफायती आवास की बिक्री देखी गई। नेशनल कैपिटल रीजन, जिसमें दिल्ली भी शामिल है, 2023 की पहली छमाही में 8680 किफायती घरों की बिक्री के साथ तीसरे स्थान पर है, जो 2023 की पहली छमाही में टॉप 7 शहरों में बेची गई ऐसी सभी यूनिट्स का 19 प्रतिशत हिस्सा है।


हैदराबाद में बिके सबसे कम घर

कोलकाता में 2023 की पहली छमाही में 4990 घर बेचे गए, जो एक साल पहले की अवधि में 5400 यूनिट्स से कम है। चेन्नई में भी गिरावट हुई, जहां 2022 में 3,990 के मुकाबले 3,270 यूनिट बेची गईं। बेंगलुरु में गिरावट बहुत तेज रही, जहां 2022 की पहली छमाही में 3170 के मुकाबले 2023 की पहली छमाही में 1,820 यूनिट बेची गईं। लगभग 720 यूनिट के साथ हैदराबाद में सबसे कम किफायती घर बेचे गए, जो टॉप 7 शहरों में केवल 2 फीसदी हिस्सेदारी है।

कम मार्जिन वाले बड़े पैमाने पर आवास बनाने के लिए डेवलपर्स के लिए ऊंची कीमतों पर जमीन खरीदना मुश्किल होता जा रहा था। उन्होंने कहा कि अन्य इनपुट लागत भी पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी है। पुरी ने कहा, "अफोर्डेबल हाउसिंग प्रोजेक्ट्स लॉन्च करना पूरी तरह से अन-अट्रैक्टिव हो गया है, खासकर जब कम बजट वाले घरों की मांग घटने के कारण उनकी मोनेटाइजेशन क्षमता भी कम हो गई है।"

Shubham Singh Thakur

Shubham Singh Thakur

First Published: Jul 23, 2023 4:56 PM

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