NPS की मदद से आप बचा सकते हैं काफी ज्यादा टैक्स, यहां समझिए पूरा मैथ्स

एनपीएस के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट का पूरा फायदा उठाने से आपकी टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाती है। अच्छी बात यह है कि इनकम टैक्स की नई रीजीम के तहत भी सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत डिडक्शन का लाभ मिलता है

अपडेटेड Feb 28, 2024 पर 2:46 PM
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सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट का लाभ इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों रीजीम में उपलब्ध है।

नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) न सिर्फ रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए अच्छा निवेश माध्यम है बल्कि यह टैक्स बचाने में भी मददगार है। कई लोग एनपीएस के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट्स का पूरा फायदा नहीं उठाते हैं। अगर आपका एंप्लॉयर आपकी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस कॉर्पस में कंट्रिब्यूट करता है तो यह अमाउंट टैक्स के दायरे में नहीं आएगा। यह पैसा आपकी कुल कुल कॉस्ट-टू-कंपनी (CTC) का हिस्सा हो सकता है। इससे आपकी टैक्स लायबिलिटी काफी घट जाएगी। आप खुद अपनी बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकते हैं। इस पर आप सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं कि NPS टैक्स बचाने में आपकी किस तरह मदद कर सकता है।

कुल तीन सेक्शन के तहत मिलता है टैक्स-बेनेफिट्स

सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत बेसिस सैलरी और डीए के 10 फीसदी कंट्रिब्यूशन के अलावा आप सेक्शन 80सीसीडी (1बी) के तहत 50,000 रुपये का अतिरिक्त टैक्स-बेनेफिट उठा सकते हैं। यह 80सी की लिमिट के अतिरिक्त है। लेकिन, यह ध्यान में रखना होगा कि सेक्शन 80सीसीडी (1) के तहत मिलने वाला डिडक्शन सेक्शन 80सी के तहत कुल 1.5 लाख रुपये की लिमिट के तहत आता है। इसके अलावा सेक्शन 80सीसीडी (2) टैक्स-सेविंग्स में आपकी काफी मदद कर सकता है। इसके लिए आपके एंप्लॉयर को आपके एनपीएस कॉर्पस में बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक कंट्रिब्यूट करना होगा। 10 फीसदी की यह सीमा प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों के लिए है। सरकारी एंप्लॉयी के लिए यह सीमा 14 फीसदी है।


सेक्शन 80सीसीडी (2) का लाभ नई रीजीम में भी

सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत उपलब्ध टैक्स-बेनेफिट का लाभ इनकम टैक्स की नई और पुरानी दोनों रीजीम में उपलब्ध है। अगर आप प्राइवेट एंप्लॉयी हैं तो आप अपने एंप्लॉयर को बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी तक एनपीएस में कंट्रिब्यूट करने के लिए कह सकते हैं। यह पैसा आपकी सीटीसी का हिस्सा होगा, जिससे आपके एंप्लॉयर पर कोई अतिरिक्त बोझ नहीं आएगा। इसे एक उदाहरण से समझा जा सकता है। मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डीए हर महीने 50,000 रुपये है। ऐसे में हर महीने आपका एप्लॉयर 5000 रुयये आपके एनपीएस में कंट्रिब्यूट कर सकता है। इस तरह वह सालाना 60,000 रुपये कंट्रिब्यूट करेगा। यह पैसा आपकी टैक्सेबल सैलरी से बाहर हो जाएगा।

नई रीजीम में ये फायदे भी

इनकम टैक्स की नई रीजीम में ज्यादातर डिडक्शन और एग्जेम्प्शन का फायदा नहीं मिलता है। लेकिन एनपीएस में कंट्रिब्यूशन पर सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत डिडक्शन का फायदा मिलता है। सरकार ने वित्त वर्ष 2023-24 से इनकम टैक्स की नई रीजीम में 50,000 रुपये स्टैंडर्ड डिडक्शन का भी लाभ दिया है। अगर आप नौकरी करते हैं तो आप यह फायदा ले सकते हैं।

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First Published: Feb 28, 2024 2:41 PM

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