यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) में प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम (Presumptive Income Scheme) की लिमिट बढ़ा दी गई है। यह स्कीम बिजनेस ओनर्स और प्रोफेशनल्स के लिए है। इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AD/44ADA में इस स्कीम के प्रावधान शामिल हैं। इस स्कीम में अकाउंट को डिटेल में मेनटेन करने और साल के अंत में अपने अकाउंट की जरूरत नहीं पड़ती है। Presumptive Scheme में किसी व्यक्ति, पार्टनरशिप फर्म या HUF की तरफ से चलाए जाने वाले बिजनेस या प्रोफेशन को संबंधित सेक्शन में बताई गई टर्नओवर की लिमिट के हिसाब से ग्रॉस रेवेन्यू पर तय रेट से इनकम कैलकुलेट करने और उस पर टैक्स चुकाने का विकल्प मिलता है।
प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम का क्या मतलब है?
प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम का फायदा यह है कि बिजनेस करने वाले व्यक्ति या प्रोफेशनल को इनकम टैक्स एक्ट के सामान्य प्रावधानों के तहत बुक्स ऑफ अकाउंट को मेनटेन करने और उसकी ऑडिट कराने की जरूरत नहीं पड़ती है। अभी इस तरह के बिजनेस या प्रोफेशन से नेट प्रॉफिट के कैलकुलेशन के लिए सेक्शन 44ADA के तहत 50 फीसदी और सेक्शन 44AD के तहत 6 फीसदी और 8 फीसदी रेट्स हैं। टैक्सपेयर्स बिजनेस या प्रोफेशन के नेचर के हिसाब से ज्यादा रेट्स से भी अपना प्रॉफिट डिसक्लोज कर सकते हैं। सेक्शन 40ADA उन प्रोफेनल्स पर लागू होता है, जो इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 44AA के तहत आते हैं- इनमें वकील, डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, आर्किटेक्ट्स, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स, टेक्निकल कंसल्टेंट्स, इंटीरियर डेकोरेटर्स और दूसरे प्रोफेशनल्स शामिल हैं। सेक्शन 44AD का इस्तेमाल ऐसा व्यक्ति कर सकता है जो सेक्शन 44AA के तहत प्रोफेशनल्स नहीं है और जो लोग किसी तरह का एजेंसी बिजनेस करते हैं या कमीशन या ब्रोकरेज पर काम करते हैं।
यूनियन बजट 2023 में क्या कहा कहा है?
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने यूनियन बजट 2023 में प्रिजम्पटिव इनकम स्कीम की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। कंप्लायंस और नॉन-कैश ट्रांजेक्शंस को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया है। वित्तमंत्री ने सेक्शन 44AD के तहत आने वाले बिजनेसेज के लिए सीमा 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये कर दी है। सेक्शन 44ADA के तहत आने वाले प्रोफेशनल्स के लिए सीमा 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये कर दी है। यह कहा गया है कि बढ़ी हुई लिमिट सिर्फ ऐसे मामले में लागू होगी जब एक साल में कैश के रूप में हासिल अमाउंट या एग्रीगेट अमाउंट टोटल ग्रॉस रिसीट्स/टर्नओवर के 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होगा।
हर सेक्शन के तहत मौजूदा और प्रस्तावित टर्नओवर की लिमिट निम्नलिखित हैं:
टर्नओवर की नई लिमिट का फायदा उठाने के लिए निम्नलिखित शर्तें हैं:
1. कैश के रूप में मिला अमाउंट टोटल ग्रॉस रिसीट्स के 5 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए
2. जो चेक अकाउंट पेयी नहीं होंगे उन्हें इन सेक्शन के तहत कैश रिसीट माना जाएगा
इसलिए हायर लिमिट का फायदा उठाने के लिए हर रिसीट और पेमेंट मोड और ट्राजेक्शंस का पूरा रिकॉर्ड रखना होगा। सभी चेक की फोटोकॉपीज भी रखना ठीक रहेगा, क्योंकि इनकम टैक्स ऑफिसर्स बाद में इसे मांग सकता है।
टर्नओवर की नई लिमिट एसेसमेंट ईयर 2024-25 और फाइनेंशियल ईयर 2023-24 से लागू होगी। लिमिट में प्रस्तावित बदलाव से उन टैक्सपेयर्स को फायदा होगा जो बुक्स ऑफ अकाउंट्स मेनटेन नहीं करना चाहते हैं या कंप्लायंस के बोझ को घटाना चाहते हैं।
(अभिषेक अनेजा सीए हैं। वह इनकम टैक्स से जुड़े मामलों के विशेषज्ञ हैं)