Section 80C Deduction Limit: टैक्सपेयर्स काफी समय से उम्मीद कर रहे हैं कि 80C के तहत मिलने वाली छूट की लिमिट बढ़ जाए। अभी 80C के तहत 1.50 लाख रुपये की टैक्स छूट मिलती है। हालांकि, हाल में 80C की लिमिट बढ़ाने को लेकर सरकार की तरफ से जवाब आया है। वित्त मंत्रालय के मुताबिक इनकम टैक्स एक्ट 1961 की धारा 80C के तहत छूट सीमा बढ़ाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है।
अभी कई टैक्स सेविंग योजनाएं हैं जिसके जरिये 80C के तहत पैसा बचाया जा सकता है। होम लोन और जीवन बीमा पॉलिसियों में 1.5 लाख रुपये तक के सालाना निवेश पर 80C के तहत छूट पा सकते हैं। सेक्शन 80C के तहत छूट पाने के लिए पीपीएफ, ईपीएफ, एनएससी, ईएलएसएस म्यूचुअल फंड, एनपीएस, एससीएसएस, बैंक और पोस्ट ऑफिस में 5 साल के पीरियड के लिए एफडी में निवेश किया जा सकता है।
टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रोफेशनल काफी समय से धारा 80C की लिमिट बढ़ाने की मांग कई सालों से कर रहे हैं। यहां तक कि आईसीएआई ने अपनी प्री-बजट 2023 सिफारिशों में सरकार को धारा 80C के तहत पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) के लिए दी जाने वाली कटौती को 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का सुझाव दिया था। हालांकि, सरकार ने अभी तक सेक्शन 80सी की सीमा नहीं बढ़ाने का फैसला किया है। इसके बजाय कम टैक्स के साथ धारा 80सी कटौती के बिना एक नई टैक्स प्रणाली शुरू की है।
वित्त मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने 31 जुलाई को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि छूटों और इंसेंटिव को हटाकर आयकर अधिनियम 1961 को सरल बनाना और साथ ही टैक्स की दरों को कम करना सरकार की घोषित नीति रही है। आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत छूट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं है। .
मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार ने बदलते आर्थिक माहौल और ब्याज दर को देखते हुए छोटी बचत योजनाओं को उसके साथ बैलेंस करने और इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80C के तहत छूट को आसान बनाने और बढ़ाने की आवश्यकता को स्वीकार किया है। चौधरी ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 की पहली तिमाही के लिए स्मॉल सेविंग के तहत कलेक्शन 74,937 करोड़ रुपये था।