ITR Filing Last Date: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने क लिए सिर्फ छह दिन का समय बचा है। ज्यादातर टैक्सपेयर्स उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाएगी लेकिन ऐसा नहीं होने वाला है। रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने टैक्सपेयर्स को जल्द से जल्द अपनी आईटीआर फाइल करने के लिए कहा है। फाइनेंस मिनिस्ट्री 31 जुलाई की डेडलाइन को आगे नहीं बढ़ाने वाली है। पिछले साल 31 जुलाई तक 5.83 करोड़ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल हुई थी। ये असेसमेंट ईयर 2022-23 का रिटर्न फाइल करने का आखिरी दिन था।
टैक्सपेयर्स न करें 31 जुलाई का इंतजार
इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की अंतिम तिथि 31 जुलाई 2023 है। रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा ने कहा कि हम उम्मीद कर रहे है कि इस साल बीते साल की तुलना में ज्यादा आईटीआर फाइल होंगी। उन्होंने कहा कि वह आयकर रिटर्न फाइल करने वालों को धन्यवाद देना चाहते हैं क्योंकि आईटीआर फाइल करने की स्पीड बीते साल की तुलना में बहुत तेज है। साथ ही उन्होंने कहा कि टैक्सपेयर्स आईटीआर फाइल करने के लिए आखिरी दिन का इंतजार न करें और किसी भी डेट एक्सटेंशन की उम्मीद न करें।
टैक्सपेयर्स के पास ITR फाइल करने के लिए बचा है 6 दिन
सेक्रेटरी ने कहा कि वह टैक्सपेयर्स को जल्द से जल्द अपना टैक्स रिटर्न फाइल करने की सलाह दूंगा क्योंकि 31 जुलाई का समय पास आ रहा है। अब टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न फाइल करने के लिए कम दिन का समय बचा है। टैक्स कलेक्शन को लेकर उन्होंने कहा कि यह टारगेट ग्रोथ के मुताबिक है, जो कि 10.5 प्रतिशत है। गुड्स और सर्विसेज टैक्स में सबसे ज्यादा ग्रोथ 12 फीसदी वाली केटेगरी में है।
सरकार को इनती आय की उम्मीद
बजट 2023-24 के अनुसार सरकार को करेंट फाइनेंशियल ईयर में ग्रॉस टैक्स रिसीप्ट 33.61 लाख करोड़ रुपये की उम्मीद है। इसमें से सरकार का टारगेट 18.23 लाख करोड़ रुपये जुटाने का है, जो कि बजट डॉक्यूमेंट के अनुसार कॉर्पोरेट और पर्सनल इनकम टैक्स से 10.5 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2023 के रिवाइज अनुमान में कस्टम ड्यूटी से कलेक्शन 2.10 लाख करोड़ रुपये से 11 प्रतिशत बढ़कर 2.33 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है। अगले वित्त वर्ष में जीएसटी कलेक्शन 12 प्रतिशत बढ़कर 9.56 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है। डायरेक्ट और इनडायरेक्ट दोनों टैक्स को मिलाकर ग्रॉस टैक्स कलेक्श 2023-24 में 10.45 प्रतिशत बढ़कर 33.61 लाख करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जबकि पिछले फाइनेंशियल ईयर में यह 30.43 लाख करोड़ रुपये था।