अरबपति इनवेस्टर और बर्कशायर हैथवे के वाइस प्रेसिडेंट चार्ली मंगेर (Charlie Munger) ने क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) को गंभीर बीमारी बताई है। डेली जर्नल की एनुअल जनरल मीटिंग में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में उन्होंने यह बात कही। वह पहले भी क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अपने सख्त रुख का संकेत दे चुके हैं। डेली जर्नल लॉस एंजेलिस स्थित मीडिया कंपनी है। मंगेर 1977 से इसके इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो को मैनेज कर रहे हैं।
मंगेर ने बिटकॉइन और दूसरे क्रिप्टोकरेंसी के इस्तमाल पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इनका इस्तेमाल जबरन वसूली, अपहरण और टैक्स चोरी के लिए हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए थी। उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ सख्त कदम उठाने के लिए चीन की तारीफ भी की।
उन्होंने अमेरिका की तरफ संकेत करते हुए कहा कि हमने क्रिप्टोकरेंसी को एप्रूवल देकर गलती की है। उन्होंने कहा कि हमें इस बात का गर्व है कि हमने कभी इसमें इन्वेस्ट नहीं किया। उनका मानना है कि यह एक बीमारी के अलावा कुछ भी नहीं है। उन्होंने इसे वनीरीयल डिजीज (venereal diseases) बताया।
क्रिप्टोकरेंसीज को लेकर मंगेर की सोच नई नहीं है। पिछले साल बर्कशायर हैथवे की एनुअल मीटिंग में भी उन्होंने कहा था कि वह बिटकॉइन की सफलता से घृणा करते हैं। उनका मानना रहा है कि बिटकॉइन ऐसा एसेट है, जिसका कोई वर्थ नहीं है। इसमें सिर्फ सट्टेबाजी की जा सकती है। हालांकि, उन्होंने अमेरिकी फेडरल रिजर्व की अपनी डिजिटल करेंसी लॉन्च करने के प्लान के बारे में सीधे कुछ नहीं कहा, लेकिन उन्होंने इसका संकेत दिया कि इसकी कोई उपयोगिता नहीं है।
मंगेर ने कहा, "अगर फेडरल रिजर्व चाहता है तो वह करेंसी शुरू कर सकता है। पहले से हमारे पास डिजिटल करेंसी है, जिसे बैंक अकाउंट कहा जाता है। बैंक्स फेडरल रिजर्व के सिस्टम के साथ जुड़े हुए हैं।" मंगेर मशहूर इन्वेस्टर वॉरेन बफे के करीबी दोस्त भी हैं। उन्होंने अमेरिका में इनफ्लेशन और अमेरिका-चीन संबंध के बारे में भी बातें की। उन्होंने हाइपरइनफ्लेशन को रोमन साम्राज्य के पतन की मुख्य वजह बताई। उन्होंने कहा कि बहुत ज्यादा करेंसी नोट छापने से बड़ी मुश्किल शुरू होती है।