स्मॉल-कैप पर फोकस्ड म्यूचुअल फंड स्कीम (Mutual Fund) में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ रही है। निवेशक बड़ी कंपनियों (लार्ज-कैप) की तुलना में छोटी कंपनियों (स्मॉल-कैप) में निवेश करने वाले म्यूचुअल फंड को पसंद कर रहे हैं। अप्रैल-जून तिमाही में इन स्कीम में करीब 11000 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ है। एनालिस्ट्स ने बताया कि ऐसा इसलिए है क्योंकि फंड मैनेजर बड़ी कंपनियों में पैसे लगाकर बेहतरीन परिणाम नहीं दे सके और ये रुझान आगे भी कुछ समय तक बने रहने का अनुमान है।
लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड से हुई निकासी
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों से पता चलता है कि लार्ज-कैप म्यूचुअल फंड से जून तिमाही के दौरान 3360 करोड़ रुपये की निकासी हुई। जून तिमाही से पहले मार्च तिमाही में स्मॉल-कैप फंड्स में 6,932 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
क्लाइंट एसोसिएट्स के को-फाउंडर हिमांशु कोहली ने कहा, ‘‘पिछले कुछ महीनों में मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स में मजबूत तेजी आई है और इसकी वजह यह है कि लार्ज-कैप सेक्टर में बेहतरीन नतीजे देना मुश्किल हो रहा है। स्मॉलकैप फंड्स में भारी निवेश की यह एक वजह हो सकती है।”
उन्होंने कहा कि इन फंड्स में भारी निवेश ने फंड मैनेजर्स को अपने शेयरों के चयन में अधिक सतर्क कर दिया है, क्योंकि इनका वैल्यूएशन बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि ऐसा बाजार में हमेशा होता है, क्योंकि फंड मैनेजर हमेशा अच्छी कीमत पर शेयरों की तलाश करते हैं।
स्मॉल कैप फंड्स में रिटर्न देने की क्षमता अधिक
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी CEO फिरोज अजीज ने कहा कि निवेशक स्मॉल-कैप को इसलिए पसंद कर रहे हैं, क्योंकि उनमें जोखिम मिड-कैप के समान ही है, लेकिन रिटर्न देने की क्षमता अधिक है। म्यूचुअल फंड क्षेत्र में स्मॉल-कैप कैटेगरी ने एक साल में 30-37 फीसदी, तीन साल में 40-44 फीसदी और पांच साल में 18-21 फीसदी की सालाना की दर से बेहतरीन रिटर्न दिया है।