न्यू फंड ऑफरिंग (NFO) के माध्यम से म्यूचुअल फंड कलेक्शन में मौजूदा वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर अवधि में उछाल आया है। इस दौरान, यह पिछली तिमाही की तुलना में करीब चार गुना बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये हो गया। जुलाई-सितंबर अवधि के दौरान 48 नई स्कीम बाजार में आईं है। FYERS में रिसर्च के वाइस प्रेसिडेंट गोपाल कवलिरेड्डी ने कहा, "आगे बढ़ते हुए आने वाली तिमाहियों में और अधिक NFO की उम्मीद की जा सकती है। कई AMC चालू हो गए हैं और इक्विटी और डेट निवेशकों को समान और अलग प्रोडक्ट्स पेश करते हैं।"
कवलिरेड्डी ने आगे कहा, "निवेशकों को भारत की ग्रोथ स्टोरी और ऑर्गेनाइज्ड स्पेस में नए सेगमेंट्स की शुरुआत पर भरोसा होने के कारण अधिक से अधिक कंपनियां प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट ऑफरिंग के माध्यम से फंड की तलाश कर रही हैं।" उन्होंने कहा, "इन लिस्टेड बिजनेस का सपोर्ट करने के लिए AMC इक्विटी और हाइब्रिड कैटेगरी में अधिक स्कीम लॉन्च करने में दिलचस्पी लेंगे, खासकर मिड-, स्मॉल- और माइक्रो-कैप माइक्रो कैपिटलाइजेशन में।"
सितंबर तिमाही के दौरान 48 स्कीम लॉन्च
सितंबर 2023 में समाप्त तिमाही के दौरान 48 स्कीम लॉन्च की गईं, जो NFO पीरियड में कुल 22,049 करोड़ रुपये जुटा पाई। मॉर्निंगस्टार इंडिया के आंकड़ों के अनुसार यह उन 25 एनएफओ से कहीं अधिक है, जिन्होंने जून तिमाही में अपनी NFO अवधि के दौरान 5,539 करोड़ रुपये कलेक्ट किए थे। आमतौर पर NFO बाजार में तेजी के दौरान तब आते हैं जब निवेशकों का सेंटीमेंट हाई होता है और उन्हें तेजी की उम्मीद होती है। एनएफओ निवेशकों के मूड को भुनाने और उनके निवेश को आकर्षित करने के लिए जारी किए गए।
आनंद राठी वेल्थ के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज ने कहा कि एनएफओ में यह भारी निवेश मुख्य रूप से इक्विटी के प्रति ओवरऑल सेंटीमेंट के कारण है। उन्होंने आगे कहा कि SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) में निवेश बढ़कर 16900 रुपये प्रति माह हो गया है। इस साल की शुरुआत से म्यूचुअल फंड में कुल निवेश 80,000 करोड़ रुपये रहा है, इसलिए इक्विटी की ओर मोमेंटम के चलते एनएफओ को भी अच्छा निवेश मिल रहा है।