Mutual Fund : लगातार तीन तिमाहियों में निकासी के बाद हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम्स ने निवेशकों को फिर आकर्षित करना शुरू कर दिया है। डेट फंड्स पर टैक्सेशन में हालिया बदलाव के बाद जून तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को 14000 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। यह पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में हाइब्रिड स्कीम में आए 10084 करोड़ रुपये के निवेश से कहीं अधिक है। हाइब्रिड फंड म्यूचुअल फंड स्कीम के तहत आम तौर पर इक्विटी और डेट सिक्योरिटीज दोनों में और कभी-कभी सोने जैसी अन्य एसेट कैटेगरी में निवेश किया जाता है।
इसके पहले 3 तिमाहियों में हुई थी निकासी
आंकड़ों के अनुसार, हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में जून तिमाही में 14021 करोड़ रुपये का निवेश हुआ। इससे पहले लगातार तीन तिमाहियों में इन फंड्स से निवेशकों ने निकासी की थी। निवेशकों ने मार्च तिमाही में हाइब्रिड म्यूचुअल फंड से 7420 करोड़ रुपये, दिसंबर तिमाही में 7041 करोड़ रुपये और सितंबर तिमाही में 14436 करोड़ रुपये निकाले थे। जून तिमाही में निवेश दिसंबर 2021 तिमाही के बाद सबसे अधिक है। तब इन स्कीम में 20422 करोड़ रुपये का निवेश हुआ था।
क्लाइंट एसोसिएट्स के को-फाउंडर हिमांशु कोहली हाइब्रिड स्कीम में निवेश के लिए डेट फंड्स की टैक्स प्रणाली में बदलाव को श्रेय देते हैं। उन्होंने कहा कि निवेशकों ने बॉन्ड म्यूचुअल फंड में अपना आवंटन घटाते हुए संभवत: हाइब्रिड कोषों में निवेश बढ़ाया है।
जून तिमाही में निवेशक खातों की संख्या बढ़ी
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों के अनुसार जून तिमाही में हाइब्रिड फंड्स के एसेट बेस (AUM) और फोलियो (निवेशक खाते) की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड में निवेशक खातों या फोलियो संख्या जून तिमाही में 4.6 लाख बढ़कर 1.22 करोड़ हो गई। यह ऐसी योजनाओं में निवेशकों की बढ़ती रुचि दिखाता है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड मॉडरेट या कम जोखिम वाले निवेशकों को अधिक आकर्षित करते हैं। इन्हें हमेशा अच्छा निवेश विकल्प माना जाता है, क्योंकि ये शेयर बाजारों में भागीदारी से जुड़े जोखिम को कम करते हैं।