एक साल में 80% रिटर्न के बाद, क्या सीपीएसई ईटीएफ में अब भी बनते हैं निवेश के मौके?

सरकारी कंपनियों के शेयरों में हाल के दिनों में आई तेजी के चलते सीपीएसई ईटीएफ के रिटर्न में भी जोरदार बढ़त देखने को मिला है। हालांकि, चुनावी साल को देखते हुए, निवेशकों को अपनी उम्मीदों को लगाम लगाना चाहिए। अगर उन्हें अब तक अच्छा रिटर्न मिला है तो आंशिक मुनाफा बुक करने में बुद्धिमानी होगी

अपडेटेड Jan 24, 2024 पर 2:52 PM
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सीपीएसई ईटीएफ का प्रबंधन निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट के पास है। इसके इंडेक्स में 11 स्टॉक शामिल हैं। वेटेज के मामले में टॉप के तीन स्टॉक पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, एनटीपीसी और कोल इंडिया हैं

सीपीएसई ईटीएफ ने 2023 में 77 फीसदी रिटर्न दिया है। इसके चलते ये सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला घरेलू फंड बन गया है। बता दें कि सीपीएसई ईटीएफ (CPSE ETF) सरकार की एक ऐसी पहल है जिसके जरिए वहा चुनिंदा सीपीएसई (केंद्र सरकार की कंपनियों) में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है। केवल यूएस ओरिएंटेड मिराए एसेट NYSE FANG के फंड ऑफ फंड (FoF) और ETF वेरिएंट ने पिछले वर्ष के दौरान इससे बेहतर लगभग 100 फासदी रिटर्न दिया है।

सीपीएसई ईटीएफ का प्रदर्शन

29 दिसंबर तक एसीई एमएफ (ACE MF) के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 2023 में अपने शानदार प्रदर्शन के अलावा, सीपीएसई ईटीएफ करीब 50 फीसदी के रिटर्न के साथ तीन साल की अवधि में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला भारतीय म्यूचुअल फंड रहा है। इसका 5 साल का रिटर्न लगभग 22 फीसदी है।


सीपीएसई ईटीएफ का प्रबंधन निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट के पास है। इसके इंडेक्स में 11 स्टॉक शामिल हैं। वेटेज के मामले में टॉप के तीन स्टॉक पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (20.2 फीसदी ), एनटीपीसी (19.9 फीसदी) और कोल इंडिया (18 फीसदी) हैं।

इंडस्ट्री आवंटन की बात करें तो दिसंबर 2023 के अंत तक इस फंड में पावर सेक्टर में सबसे ज्यादा 46.3 फीसदी आवंटन था। इसके बाद तेल में 19.3 फीसदी और कंज्यूमेबल ईंधन में 18 फीसदी निवेश था।

निप्पॉन लाइफ इंडिया एसेट मैनेजमेंट लिमिटेड के ईटीएफ प्रमुख अरुण सुंदरेसन ने कहा, "सीपीएसई ईटीएफ में मुख्य रूप से पावर, तेल और गैस और रक्षा क्षेत्रों के पीएसयू स्टॉक शामिल हैं। इन शेयरों में आई तेजी के चलते सीपीएसई ईटीएफ से अच्छा रिटर्न मिला है। इसमें शामिल कंपनियों का प्रदर्शन अच्छा और इनका वैल्यूशन भी अच्छा है। इनमें से कई कंपनियां वर्तमान में जोरदार प्रदर्शन कर रही हैं और भविष्य के विकास के लिए निवेश निवेश करने के लिए तैयार है। जिसके चलते आगे भी इनका प्रदर्शन अच्छा रह सकता है।

कहां से आई रैली ?

बाजार जानकारों का मानना है कि पूरे पीएसयू सेक्टर ने बाजार के दूसरे सभी धड़ो को बड़े अंतर से पीछे छोड़ दिया है। एयूएम कैपिटल में वेल्थ के राष्ट्रीय प्रमुख मुकेश कोचर ने कहा “हमने इन कंपनियों की कार्य संस्कृति और प्रदर्शन में जबरदस्त बदलाव देखा है। सरकार ने एक बड़ी भूमिका निभाई है क्योंकि वे इन कंपनियों के माध्यम से बड़े ऑर्डर दे रहे हैं और सही वैल्यूएशन और दिशानिर्देशों के जरिएउनके प्रदर्शन को भी मजबूती दी जा रही हैं”।

कैसा है आगे का आउटलुक

पिछले तीन सालों की तेजी के बावजूद, सीपीएसई ईटीएफ का प्राइस-टू-अर्निंग (पीई) अनुपात अभी भी अपने 10 साल के औसत के आसपास मंडरा रहा है। बाजार जानकारों का कहना है कि सीपीएसई ईटीएफ पैक वाली कंपनियों में आगे तेजी कायम रहेगा। इनके सरकारी कंपनियों के सरकार से मिलने वाले ऑर्डरों से फायदा होगा। हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने सावधानी बरतने की सलाह भी दी है।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च हेड दीपक जसानी ने कहा आगे हमें इस थीम (सीपीएसई ईटीएफ) बढ़त दिखेगी। लेकिन अब इससे मध्यम स्तर के रिटर्न की ही उम्मीद करनी चाहिए। यह आम चुनाव का साल भी है। अगर मौजूदा सरकार बनी रहती है तो कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए, लेकिन अगर इस सरकार को झटका लगता है तो को कम से कम अस्थायी रूप से इस सेक्टर को प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।

जसानी का सुझाव है कि अगर आपको इस समय अच्छा रिटर्न मिल रहा है, तो आप आंशिक प्रॉफिट बुकिंग पर विचार कर सकते हैं। उन्होंने कहा नए आवंटन के लिहाज से भी, आम चुनाव सामने हैं, किसी को बहुत अधिक आशावादी नहीं होना चाहिए।

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क्या हो निवेश रणनीति

इस बीच, वित्तीय सलाहकारों का सुझाव है कि एक खुदरा निवेशक को पहले एक डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाना चाहिए और अगर उनके पास अतिरिक्त फंड और उच्च जोखिम उठाने की क्षमता हो तो सीपीएसई ईटीएफ जैसे थीमेटिक फंडों में विविधता लाने पर फोकस करना चाहिए।

ध्यान दें कि सीपीएसई ईटीएफ ने पिछले तीन कैलेंडर वर्षों में अच्छा रिटर्न दिया है, लेकिन अब ये फंड खराब प्रदर्शन के दौर से गुजर सकता है। उदाहरण के लिए, ईटीएफ ने 2018, 2019 और 2020 के दौरान नकारात्मक रिटर्न दिया था।

 

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First Published: Jan 24, 2024 2:52 PM

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