आम तौर पर कहा जाता है कि कम उम्र के इनवेस्टर शेयरों (Shares) में ज्यादा पैसा लगा सकते हैं। उम्र बढ़ने के साथ शेयरों में निवेश घटाना चाहिए। इसके लिए एक फॉर्मूला है। इनवेस्टर को 100 में से अपनी उम्र घटाना चाहिए। फिर, जो रिजल्ट आए उतना एसेट एलोकेशन शेयरों में करना चाहिए। लेकिन, आदित्य बिड़ला लाइफ इंश्योरेंस (Aditya Birla Life Insurance) के एमडी और सीईओ कमलेश राव (Kamlesh Rao) इस सिद्धांत से इत्तेफाक नहीं रखते।
राव का मानना है कि एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) का संबंध इस बात से है कि इनवेस्टर कितना रिस्क ले सकता है। राव ने उतार-चढ़ाव सहित शेयर बाजार से जुड़े कई मसलों पर मनीकंट्रोल से बातचीत की।
राव ने कहा कि जिस तरह मार्केट में उतार-चढ़ाव दिख रहा है, किसी निवेशक के लिए एकमुश्त निवेश करना ठीक नहीं है। अगर किसी इनवेस्टर को 10 लाख रुपये का निवेश करना है तो उसे एक बार में इसे इनवेस्ट करने के बजाय 12 से 18 महीनों के दौरान निवेश करना चाहिए। यह पूछने पर 10 लाख रुपये में से कितना पैसा वह शेयरों में डालना चाहेंगे, उन्होंने कहा कि वह शेयरों में 40-50 फीसदी पैसा डालना पंसद करेंगे।
उन्होंने कहा कि सबसे पहले मैं इस पैसे को लिक्विड फंड में डालना पसंद करूंगा। उसके बाद 12 से 18 के महीने दौरान इसे शेयरों में इनवेस्ट करूंगा। मैं इस पैसे का 10-12 फीसदी एन्युटी स्कीम में डालूंगा ताकि रिटायरमेंट के बाद इनकम हो सके। बाकी पैसा मैं डेट (बॉन्ड्स) और फिक्स्ड डिपॉजिट में डालूंगा।
राव ने कहा कि गोल्ड में निवेश करना उन्हें बहुत ज्यादा पसंद नहीं है। रियल एस्टेट हमेशा पैसे पर अच्छा रिटर्न देता है, लेकिन इस ऑप्शन के बारे में आपको तभी सोचना चाहिए, जब आपके पास अपना घर हो। आपको 30 साल की उम्र पार करने के बाद इस बारे में सोचना शुरू कर देना चाहिए। यह बहुत अच्छा एसेट है। एक बार आप घर खरीद लेते हैं तो फिर फ्यूचर में रेंट चुकाने से आपको छुटकारा मिल जाता है।
उन्होंने टर्म इंश्योरेंस को बहुत जरूरी बताया। उन्होंने कहा कि किसी व्यक्ति के इंश्योरेंस का कवर अमाउंट कितना होना चाहिए, यह उसकी उम्र, जिम्मेदारियों आदि पर निर्भर करता है। उदाहरण के लिए अगर आप 30 प्लस हैं और हाउसिंग लोन ले रखा है तो यह आपकी सबसे बड़ी लायबिलिटी होनी चाहिए। इसलिए आपका बीमा कवर अमाउंट हाउसिंग लोन का कम से कम दोगुना होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सबसे जरूरी चीज यह है कि इनवेस्टर को लालच और उम्मीद से दूर रहना चाहिए। ये इनवेस्टमेंट के आपके सफर के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इनवेस्टमेंट में अनुशासन बहुत जरूरी है। आपको बड़े खर्च और दूसरी जरूरतों के लिए कभी अपने इनवेस्टमेंट को स्टॉप नहीं करना चाहिए। सबसे जरूरी यह है कि हमें 20-30 साल तक नियमित रूप से इनवेस्टमेंट के बारे में सोचना चाहिए। अगर आप नियमित रूप से इनवेस्ट करते हैं तो कोई फंड मैनेजर रिटर्न में आपसे आगे नहीं निकल सकता है।