World Hypertension Day: हाइपरटेंशन (Hypertension) को अक्सर साइलेंट किलर भी कहा जाता है। इसका प्रमुख कारण ये है कि कई बार इसके लक्षणों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है और जब पता चलता है, तब तक बहुत देर हो चुकी होती है। हृदय रोग मृत्यु दर का एक प्रमुख कारण, सभी आयु समूहों के बीच बढ़ता हाइपरटेंशन भी चिंता का विषय है, लेकिन बुजुर्गों पर इसका काफी गंभीर असर पड़ता है। भारत में हर तीन वरिष्ठ नागरिकों में से एक हाइपरटेंशन का शिकार है, केंद्रीय परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि कोरोना (Covid-19) महामारी के बाद से यह खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।
हाईपरटेंशन के बढ़ते खतरों से खुद को बचाने के लिए हर संभव उपाय करना जरूरी है। इसकी तैयारी के लिए पहला कदम एक कॉमप्रिहेंसिव हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है जो मेडिकल खर्च और हेल्थ सर्विस के व्यापक स्पेक्ट्रम के लिए पर्याप्त कवरेज प्रदान करती है। वास्तव में, ऐतिहासिक रूप से हाईपरटेंशन कवरेज एक वेटिंग पीरियड के साथ आता था, लेकिन अब यह पहले दिन से पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करता है, यानी की बिना किसी वेटिंग पीरियड के पहले से मौजूद बीमारियों को कवरेज मिलती है।
World Hypertension Day: क्या हैं ये पहले से मौजूद बीमारियां?
इंश्योरेंस कंपनियां उन बीमारी या चिकित्सा स्थिति को पहले से मौजूद बीमारी (PED) के रूप में वर्गीकृत करती हैं जिनसे व्यक्ति पॉलिसी खरीदने के 48 महीने पहले तक ग्रसित हुआ हो। इस प्रकार, अगर एक वरिष्ठ नागरिक या पहले से ही उच्च या गंभीर बीपी से प्रभावित कोई व्यक्ति एक नई हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदना चाहता है, तो वे आम तौर पर बीमाकर्ता के लिए इस श्रेणी में आते हैं। ऐसे मामलों में, ज्यादातर हेल्थ इंश्योरेसं पॉलिसी वेटिंग पीरियड के साथ आती थीं, जो 2 से 4 साल तक होती है, जब तक पॉलिसीधारक कोई क्लेम फाइल नहीं कर सकता है। हालांकि, उम्र, बीमारी और खरीदी गई इंश्योरेंस पॉलिसी के आधार पर वेटिंग पीरियड अलग-अलग हो सकता है।
हाईपरटेंशन को कवर करने वाली पॉलिसी का चयन करते समय इन सभी पहलुओं पर विचार किया जाना चाहिए-
हाईपरटेंशन एक पुरानी स्थिति है जिसमें जीवन शैली में बदलाव के साथ-साथ नियमित दवाओं, डायग्नोस्टिक टेस्ट और डॉक्टर के परामर्श की आवश्यकता होती है। इन सभी की लागत आपकी जेब पर काफी प्रभाव डालती है, खासकर अगर आप एक वरिष्ठ नागरिक हैं। इसलिए, अपनी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी के लिए बीमा राशि का चयन करते समय, इन खर्चों का मूल्यांकन करें और एक हाई सम इंश्योर्ड चुनें, क्योंकि यह वित्तीय रूप से आपको सुरक्षित ऱखती है। वास्तव में, कुछ योजनाएं स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखने के लिए पॉलिसी रिन्यूल के समय 100% वेलनेस बेनिफिट या प्रीमियम पर छूट की पेशकश भी करती हैं। कुछ योजनाएं अब आपको आधार कवर के 10 गुना तक अनकंज्यूम्ड सम इंश्योर्ड को आगे ले जाने की अनुमति भी देती हैं।
न्यू-एज प्लान्स की तलाश करें जो पहले दिन से पीईडी या पहले से मौजूद बीमारियों को कवर करती हैं। हाईपर टैंशन के साथ बहुत सारे अन्य जोखिम भी आते हैं, जिनसे स्ट्रोक, विकलांगता या अन्य हृदय रोगों का खतरा होता है, इसलिए मेडिकल इमरजेंसी की स्थिती भी अचानक ही सामने आती है। अगर वेटिंग पीरियड शामिल है, तो संभावना है कि जब आपको इसकी सबसे अधिक आवश्यकता हो तो आपका हेल्थ इंश्योरेंस आपके बचाव में नहीं आ सकता है। कुछ योजनाएं एक राइडर की पेशकश भी करती हैं जो आपको थोड़े से अतिरिक्त प्रीमियम के लिए वेटिंग पीरियड को समाप्त करने देती है। इसलिए, एक ऐसी योजना चुनें जो हाईपर टेंशन से संबंधित स्थितियों के लिए अच्छी स्वास्थ्य सेवा तक तत्काल पहुंच प्रदान कर सके।
वरिष्ठ नागरिकों के लिए योजनाएं पहले रूम रेंट की लिमिट या कोपेमेंट क्लॉज या सब-लिमिट जैसी बहुत सी सीमाओं के साथ आती थीं। ये सभी किसी के कवरेज को किसी न किसी तरह से प्रतिबंधित करते हैं। जबकि आप जिस प्रकार का रूम प्राप्त कर सकते है रूम रेंट कैपिंग उसे सीमित करता है, और कोपेमेंट क्लॉज की वजह से आपको अस्पताल के बिल का एक निश्चित प्रतिशत अपनी जेब से देना होगा। इसलिए, एक ऐसी योजना का चयन करें जो न्यूनतम प्रतिबंधों के साथ आती हो और आपको अधिक फ्लेक्सिबिलिटी की सुविधा देती हो।
एक सामान्य नियम के अनुसार, हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय, आपको किसी भी मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बीमाकर्ता के साथ हमेशा पूरी जानकारी देनी चाहिए। मेडिकल हिस्ट्री रोकने को छुपाने के गंभीर परिणाम हो सकते हैं, जैसे क्लेम रिजेक्शन, और यहां तक कि कुछ मामलों में, पॉलिसी को रद्द भी किया जा सकता है। मेडिकल इमरजेंसी के समय, आखिरी चीज जो आपक नहीं चाहिए, वो है आपका क्लेम खारिज हो जाना और अपनी खुद की बचत में से एक मोटी रकम भरना। इसलिए, हमेशा पहले से मौजूद बीमारियों को बारे में बीमाकर्ता को सूचित करें करें, जैसे कि हाई ब्लड प्रेशर, और अपने बीमाकर्ता से कहें कि वे ऐसे हेल्थ इंश्योरेंस के विकल्प शेयर करें जो PED को कवर करते हैं।
लेखक: अमित छाबड़ा, हेड-हेल्थ इंश्योरेंस, policybazaar.com