तेजी से हो रहे क्लाइमेट चेंज (Climate Change) और जलवायु परिवर्तन के कारण हमारे आस पास प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है। इसका सबसे बड़ा और ताजा उदाहरण जोशी मठ में जमीन धंसने की आपदा है। जोशीमठ (Joshimath Crisis) में चल रहे संकट की वजह से कई सारे लोगों को अपने परिवार के साथ पलायन करने पर मजबूर होना पड़ा। इसके अलावा हालिया समय में देश के अलग अलग हिस्सों में आए भूकंप के झटकों की वजह से भी चिंताएं बढ़ी हैं। ऐसे में अब एक सवाल ये भी है कि क्या आने वाली इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं को ध्यान में रखते हुए हमें भी अपने बीमा प्लान को अपडेट करने की जरूरत है? या फिर क्या प्राकृतिक आपदाओं में हमारे घरों को हाने वाले नुकसान पर बीमा कवर लिया जा सकता है?
हेल्थ इंश्योरेंस लेते वक्त जरूर ध्यान में रखें ये बातें
आज के वक्त में हमें इंश्योरेंस लेते वक्त आने वाली प्राकृतिक आपदा या फिर अचानक से फैलने वाली बीमारियों के खतरों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए। जैसे कि अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस ले रहे हैं तो यह जरूर ध्यान रखें कि उसमें लंबे वक्त तक हॉस्पिटल में एडमिट होने का कवर शामिल है या नहीं। साथ ही इसमें इलाज पर होने वाले सभी तरह के खर्चों का कवर भी शामिल होना जरूरी है। जैसे कि अगर कोई कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से जूझ रहा है जिसमें लंबा और महंगा इलाज चलता है तो एक अच्छे कवर वाले हेल्थ इंश्योरेंस से काफी मदद मिलती है।
होम इंश्योरेंस लेते वक्त ध्यान रखें ये बातें
बता दें कि होम इंश्योरेंस लेते वक्त भी आपको अपने भौगोलिक क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए ऐसे प्लान्स को चुनना चाहिए जिसमें प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान का कवर शामिल हो। इसमें आपको ऐसे प्लान को चुनना चाहिए जो घर को होने वाले नुकसान और घर में रखे सामानों को होने वाले नुकसान दोनों को कवर करता हो। साथ ही आपको यह जानना जरूरी है कि आपको क्लेम कैसे करना है? जैसे कि आपके पास सारे डाक्युमेंट्स पूरे और सही होने चाहिए। गलत और अधूरे डाक्युमेंट्स होने पर आपका क्लेम ठुकराया भी जा सकता है।
1- बाढ़, चोरी या आग की वजह से अगर आपके घर को कोई नुकसान हुआ है तो आपको संबंधित अथॉरिटी को सबसे पहले सूचित करना चाहिए।
2- क्लेम के लिए आपके पास सभी दस्तावेज सही और पूरे होने चाहिए। साथ ही नुकसान होने पर जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करना चाहिए।
3- आपको एक निर्धारित समय के अंदर ही क्लेम करना चाहिए। बता दें कि कई बीमा कंपनियां क्लेम करने के लिए अलग अलग दिनों का समय देती हैं।