ITR Filing: आयकर रिटर्न (ITR) फाइल करते समय टैक्स छूट और कटौती का क्लेम करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए। आयकर विभाग करेंट ईयर या यहां तक कि पिछले सालों की फाइल की आईटीआर को प्रोसेस करते समय आईटीआर में क्लेम की गई कटौती और टैक्स छूट के प्रूफ मांग सकता है। यदि टैक्सपेयर्स प्रूफ दे सकता है तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। अगर वह प्रूफ नहीं दे पाता और इनकम टैक्स के सवालों का सही जवाब नहीं दे पाता, तो छूट के लिए क्लेम भी माने नहीं जाएंगे। ऐसे मामलों में आयकर विभाग जुर्माना लगा सकता है।
न करें इनकम की गलत रिपोर्टिंग
टैक्स एक्सपर्ट के मुताबिक गलत कटौती का दावा करना इनकम की गलत रिपोर्टिंग मानी जाती है। एक्सपर्ट के मुताबिक गलत रेंट रिसीप्ट (Rent Reciept) दिखाकर ज्यादातर HRA छूट क्लेम करना या चैप्टर VI-A के तहत गतल डिडक्शन क्लेम करना बिना किसी डॉक्यूमेंट या गलत डॉक्यूमेंट देना या इनकम की गलत रिपोर्टिंग करना इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत इनकम की गलत रिपोर्टिंग माना जाता है।
हाल ही में इनकम टैक्स विभाग ने सैलरी क्लास को भी नोटिस भेजकर वित्त वर्ष 2021-22 (AY 2022-23) के लिए फाइल की आईटीआर के लिए क्लेम का प्रूफ मांगा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने देखा है कि टैक्सपेयर्स आईटीआर दाखिल करते समय टैक्स रिफंड का दावा करने के लिए फर्जी कटौती और छूट का दावा कर रहे हैं। ध्यान दें कि आयकर विभाग इन फर्जी लोगों को ट्रैक कर सकता है। यदि किसी व्यक्ति ने यह दिखाकर एचआरए के लिए कटौती का दावा किया है, कि ये किराया माता-पिता को दिया गया है। यदि माता-पिता अपने आईटीआर में इस किराये की इनकम को रिपोर्ट करने से चूक गए, तो आयकर विभाग ऐसे मामलों की पहचान कर सकता है।
आय की गलत जानकारी देने पर लगेगा जुर्माना
यदि टैक्सपेयर्स आयकर विभाग को इनकम की गलत जानकारी देने देता है जिसका उसके पास कोई प्रूफ नहीं है तो उस पर जुर्माना और ब्याज दोनों लग सकता है। आयकर अधिनियम की धारा 270A के तहत ऐसी गलत रिपोर्ट पर इनकम पर लगने वाले टैक्स का 200% के बराबर जुर्माना लगाया जा सकता है। जुर्माने में ब्याज भी शामिल हो सकता है। यह ध्यान देने वाली बात है कि आयकर कानूनों के तहत आय की गलत रिपोर्टिंग और कम रिपोर्टिंग के बीच अंतर है। आय की कम रिपोर्टिंग के मामले में इनकम टैक्स अधिकारी टैक्स का 50% तक जुर्माना लगा सकता है।