Income Tax refund: क्या आपका भी इनकम टैक्स (Income tax) रिफंड अभी तक नहीं आया है। इनकम टैक्स रिफंड के 35 लाख मामले अभी भी पेंडिंग हैं। ये टैक्स रिफंड के मामले कई कारणों से पेंडिंग हैं, जिसमें बैंक अकाउंट की गलत जानकारी रिफंड अटकने के बड़े कारणों में से एक है। अगर आपका भी रिफंड अटक गया है, तो इनकम टैक्स पोर्टल पर चेक कर सकते हैं।
टैक्स रिफंड अटकने के ये हैं कारण
सीबीडीटी (CBDT) के चेयरपर्सन नितिन गुप्ता ने कहा कि रिफंड जारी करने के लगभग 35 लाख मामले टैक्सपेयर्स के बैंक खातों की गलत जानकारी, बैंक अकाउंट की जानकारी न होने या वैरिफिकेशन के कारण आयकर विभाग (Income Tax Department) के पास अटके हुए हैं। टैक्स अधिकारी एक स्पेशल कॉल सेंटर के जरिये ऐसे टैक्सपेयर्स से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं। डायरेक्ट टैक्स बॉडी के मुताबिक वह ऐसे टैक्सपेयर्स को मेल कर इस बारे में जानकारी दे रही है। गुप्ता ने कहा कि वह टैक्सपेयर्स को जल्द से जल्द टैक्स रिफंड उनके बैंक अकाउंट में जारी करना चाहते हैं।
पुराने मामले भी निपटाए गए
कई टैक्सपेयर्स के रिफंड साल 2010-11 से अटके हुए हैं। इस बारे में गुप्ता ने कहा कि इनकम टैक्स विभाग ने 2011 के आसपास एक तकनीकी बदलाव किया है। पेपर से कंप्यूटर बेस्ड तकनीक पर पहुंचे हैं। इस कारण कई पुराने केस भी सामने आ रहे हैं। ऐसे मामलों के लिए एक साल पहले एक मैनजमेंट सर्विस शुरू की थी, जिनका टैक्स रिफंड सालों से कई कारणों से अटका हुआ है।
टैक्सपेयर्स को भेज जा रहे हैं ई-मेल
गुप्ता ने बताया कि ऐसे टैक्सपेयर्स को ई-मेल पर बताया जा रहा है। ईमेल में कहा गया है कि ईमेल भेजे जाने के तीन दिन बाद एक स्पेशल नंबर से कॉल आएगी और इस बातचीत के बाद, मुद्दों का समाधान किया जा रहा है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के प्रमुख ने कहा, “मैसूरु स्थित कॉल सेंटर इंटरैक्शन के बाद हमने पिछले साल 1.4 लाख ऐसी एंट्री का समाधान किया है। टैक्सपेयर्स या तो मांग स्वीकार कर सकते हैं या इसका विरोध कर सकते हैं। शुरुआत में यह कॉल सेंटर हमारी चार रेंजों कर्नाटक और गोवा, मुंबई, दिल्ली और उत्तर-पश्चिम एरिया के लिए काम कर रहा था, लेकिन विभाग की योजना इसे अन्य एरिया में भी विस्तार कर रहे हैं।
असेसमेंट ईयर 2023-24 के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कुल 7.27 करोड़ आईटीआर दाखिल किए गए, जिनमें से 7.15 करोड़ वैरिफाई है। विभाग ने इनमें से 6.80 करोड़ आईटीआर को प्रोसेस कर चुका है। अब तक लगभग 93.5 प्रतिशत ITR प्रोसेस की जा चुकी है।