नोएडा और ग्रेटर नोएडा के घर खरीदारों को आसानी से अटके फ्लैट नहीं मिलने वाले हैं। दरअसल अमिताभ कांत कमेटी की सिफारिश के आधार पर उत्तर प्रदेश सरकार ने एक राहत पैकेज को मंजूरी तो दे दी है लेकिन सीएनबीसी-आवाज़ को इस पैकेज की गाईडलाइंस हाथ लगी है। जिसमें कई कठोर शर्तें जोड़ दी गई हैं। ये पूरी खबर बताते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि राहत पैकेज में दो तरह के घर खऱीदारों को राहत मिलने के उम्मीद थी। एक जिनका प्रोजेक्ट पूरा हो गया है। घर में रहने भी लगे हैं लेकिन रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। दूसरे तरह के घर खरीदार वैसे हैं जिनका प्रोजेक्ट पूरा ही नहीं हुआ है। इन दोनों के लिए अलग-अलग निर्देश दिए गए हैं।
पूरे हुए प्रोजेक्ट्स के लिए दिए गए निर्देश
पूरे प्रोजेक्ट के लिए दिए गए निर्देश में कहा गया है कि नोएडा में प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन शुरु होगा। सभी कम्प्लीट फ्लैट की रजिस्ट्री 3 माह में होनी है। बिल्डर को पहले बकाया का भुगतान करना होगा। बकाया रकम के बराबर बैंक गारंटी भी चलेगी। भुगतान ना होने पर अथॉरिटी सख्त कदम उठाएगी। हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा कमर्शियल प्रोजेक्ट अटैच होगा। बिल्डर को आवंटित जमीन वापस ली जाएगी। बगैर भुगतान पूरा किए रजिस्ट्री नहीं होगी।
अधूरे प्रोजेक्ट के लिए दिए गए निर्देश
अधूरे प्रोजेक्ट के लिए दिए गए निर्देश में कहा गया है कि कोविड काल को जीरो पीरियड घोषित किया जाएगा। 1 अप्रैल, 2020 से 31 मार्च 2022 जीरो पीरियड होगा। जीरो पीरियड का ब्याज और पेनाल्टी माफ होंगे। इससे बर्ड सेंचुरी में अटके प्रोजेक्ट को भी फायदा होगा। 14 अगस्त, 2013 से 19 अगस्त 2015 तक छूट मिलेगी। 2013 से 2015 तक ब्याज और पेनाल्टी माफ होगी। प्रोजेक्ट पूरा करने के लिए को-डवलपर लाने की छूट होगी। प्रोजेक्ट की खाली जमीन सरेंडर करने की छूट होगी। ये छूट लेने के लिए बकाया राशि का 25 फीसदी देना होगा। 3 साल के भीतर प्रोजेक्ट पूरा करना होगा