हेल्थ पॉलिसीज क्या बेरिएट्रिक सर्जरी जैसे मॉडर्न ट्रीटमेंट प्रोसिजर को कवर करती हैं?

हेल्थ पॉलिसी खरीदने से पहले यह चेक कर लेना जरूरी है कि मॉर्डन ट्रीटमेंट प्रोसिजर को पॉलिसी कवर करती है या नहीं। इसकी वजह यह है कि ऐसे ट्रीटमेंट पर बहुत ज्यादा खर्च आता है। कुछ जनरल इंश्योरेंस कंपनियों ने हेल्थ पॉलिसी में ऐसे ट्रीटमेंट के लिए खर्च की लिमिट तय की हैं

अपडेटेड Feb 26, 2024 पर 6:09 PM
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2019 में बीमा नियामक IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को उन मॉडर्न प्रोसिजर से होने वाले इलाज का भी खर्च देने को निर्देश दिया, जो उनके कवरेज के दायरे से बाहर थे।

इलाज के क्षेत्र में नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल बढ़ा है। पेशेंट्स को इसके फायदे भी मिले हैं। लेकिन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां कई एडवान्स ट्रीटमेंट प्रोसिजर पर आने वाले खर्च का पेमेंट नहीं करती हैं। 2019 तक कई जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां स्टेम सेल थैरेपी, रोबोटिक सर्जरी, ओरल केमोथैरेपी जैसे मॉडर्न प्रोसिजर के लिए पेमेंट करने को तैयार नहीं थीं। 2019 में बीमा नियामक IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को उन मॉडर्न प्रोसिजर से होने वाले इलाज का भी खर्च देने को निर्देश दिया, जो उनके कवरेज के दायरे से बाहर थे। उसने ऐसे 12 प्रोसिजर की एक लिस्ट जारी की, जन्हें बीमा कंपनियों को कवर करने को कहा गया।

इन ट्रीटमेंट प्रोसिजर को कवर में शामिल करने का निर्देश

उसके बाद से जारी होने वाली और रिन्यू होने वाली सभी हेल्थ पॉलिसीज में ऐसे प्रोसिजर का पेमेंट किया जाता है। 2019 में 12 मॉडर्न ट्रीटमेंट प्रोसिजर की जारी लिस्ट में कहा गया था कि बीमा कंपनियों को हॉस्पिटल, होम ट्रीटमेंट और डे-केयर क्लेम में इन्हें भी शामिल करना होगा। इनमें uterine artery embolisation, बैलून सिनुप्लास्टी, ओरल केमोथैरेपी, रोबोटिक सर्जरी, deep brain stimulation आदि शामिल हैं। इनके अलावा बीमा कंपनियों के पास इनके अतिरिक्त दूसरे मॉडर्न ट्रीममेंट प्रोसिजर को कवर करने का भी विकल्प है।


बीमा कंपनियां ज्यादा खर्च के चलते कवर नहीं करना चाहतीं

कई बीमा कंपनियां मानती है कि इलाज के ये मॉडर्न प्रोसिजर एक्सपेरिमेंट के चरण में हैं। IRDAI के एक्सक्लूजन सर्कुलर में भी 'अनप्रूवेन' ट्रीटमेंट प्रोसिजर को कवर से बाहर रखने की इजाजत दी गई है। लेकिन, कुछ बीमा कंपनियों के अड़ियल रुख की वजह से कुछ उन प्रोसिजर के इस्तेमाल का खर्च मिलना मुश्किल हो गया, जिनके फायदे साबित हो चुके हैं। उदाहरण के लिए कैंसर के रोगियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाले ओरल केमोथैरेपी को लिया जा सकता है। बहुत मोटे लोगों के लिए बेरिएट्रिक सर्जरी दूसरा उदाहरण है। यही वजह है कि बीमा नियामक को कम से कम 12 ट्रीटमेंट प्रोसिजर को कवर में शामिल करने का निर्देश देना पड़ा।

कुछ बीमा कंपनियों ने लिमिट तय की है

एडवान्स टेक्नोलॉजी वाले ट्रीटमेंट प्रोसिजर पर काफी ज्यादा खर्च आता है। IRDAI ने इंश्योरेंस कंपनियों को ऐसे प्रोसिजर के लिए क्लेम की लिमिट तय करने की इजाजत दी है। इसके लिए स्टैंडर्ड सब-लिमिट नहीं हैं। ये अलग-अलग कंपनियों और उनके प्रोडक्ट्स के लिए अलग-अलग हैं। उदाहरण के लिए फ्यूचर जेनराली की हेल्थ अब्सॉल्यूट और आईसीआईसीाई लोबार्ड की हेल्थ एडवॉन्टेज दोनों ने सम-अश्योर्ड की 50 फीसदी सब-लिमिट तय की है। बेरिएट्रिक सहित कई मॉडर्न ट्रीटमेंट के लिए यह लिमिट है।

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First Published: Feb 26, 2024 6:03 PM

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