सावधान! टैक्स से बचने के लिए 1 अप्रैल से पहले ज्यादा प्रीमियम वाली इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने की कोशिश कर रहे एजेंट्स

यूनियन बजट 2023 में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के टैक्स के नियम में बड़े बदलाव का ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि ULIP को छोड़ दूसरी सभी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज का प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा होने पर टैक्स का फायदा नहीं मिलेगा

अपडेटेड Feb 07, 2023 पर 9:55 AM
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आपको यह ध्यान में रखना जरूरी है कि पॉलिसीधारक की मौत की स्थिति में नया नियम लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि पॉलिसीधारक की मौत होने पर नॉमिनी को मिलने वाला अमाउंट (सम अश्योर्ड) पूरी तरह टैक्स-फ्री होगा।

New Tax Rule on Life Insurance Policies: यूनियन बजट 2023 (Union Budget 2023) में इंश्योरेंस पॉलिसी के टैक्स के नियमों में बड़ा बदलाव हुआ है। अब 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी पर टैक्स बेनेफिट नहीं मिलेगा। नया नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू हो जाएगा। टैक्स बेनेफिट हटाने का मतलब यह है कि पॉलिसी मैच्योर करने पर मिलने वाला अमाउंट टैक्सेबल होगा। कुछ इंश्योरेंस एजेंट्स और बैंक नया फाइनेंशियल ईयर शुरू होने से पहले 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसीज बेचने मे ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। अगर आपसे कोई इंश्योरेंस एजेंट 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी खरीदने के लिए कहता है तो आप इसकी वजह समझ सकते हैं।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इंश्योरेंस कंपनियां और ब्रोकर्स ग्राहकों को 1 अप्रैल, 2023 से पहले 5 लाख रुपये से ज्यादा प्रीमियम वाली पॉलिसी खरीदकर टैक्स-फ्री मैच्योरिटी का फायदा उठाने की सलाह दे रहे हैं। लेकिन, आपको इससे सावधान रहने की जरूरत है। सिर्फ टैक्स-फ्री मैच्योरिटी का फायदा उठाने के लिए ऐसी पॉलिसी खरीदना आपके लिए फायदेमंद नहीं होगा।

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यूनियन बजट 2023 में क्या कहा गया है?

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट भाषण में कहा था कि ULIP को छोड़ दूसरी इंश्योरेंस पॉलिसीज जिनका प्रीमियम 5 लाख रुपये से ज्यादा है, उन्हें 1 अप्रैल, 2023 से खरीदने पर टैक्स-फ्री मैच्योरिटी अमाउंट का बेनेफिट नहीं मिलेगा। सरकार दरअसल टैक्स का फायदा उठाने के लिए हाई वैल्यू पॉलिसीज में निवेश को हतोत्साहित करना चाहती है।

पॉलिसीधारक की मौत की स्थिति में लागू नहीं होगा नियम

आपको यह ध्यान में रखना जरूरी है कि पॉलिसीधारक की मौत की स्थिति में नया नियम लागू नहीं होगा। इसका मतलब है कि पॉलिसीधारक की मौत होने पर नॉमिनी को मिलने वाला अमाउंट (सम अश्योर्ड) पूरी तरह टैक्स-फ्री होगा। नया नियम सिर्फ 1 अप्रैल और इसके बाद जारी होने वाली पॉलिसीज पर ही लागू होगा। इससे पहले बेची गईं सभी पॉलिसीज नए नियम के दायरे में नहीं आएंगी।

सवाल है कि क्या आपको टैक्स-फ्री मैच्योरिटी का फायदा उठाना चाहिए?

इंश्योरेंस ब्रोकर सेक्योरनाउ डॉट इन के मैनेजिंग डायरेक्टर अभिषेक बोंदिया ने कहा, "मेरा कहना है कि आपको ऐसी पॉलिसी नहीं खरीदनी चाहिए। पहला, आम तौर पर एनडॉउमेंट पॉलिसीज में रिटर्न बहुत कम होता है। आपके निवेश के लिए दूसरे ऑप्शंस उपलब्ध हैं। दूसरा, कभी जल्दबाजी में निवेश नहीं करना चाहिए। इनवेस्टमेंट से पहले यह देख लेना जरूरी है कि लिक्विडिटी और इनवेस्टमेंट की आपकी प्राथमिकताएं क्या हैं।" फिनविन फाइनेंशियल प्लानर्स के फाउंडर मेलविन जोसफ ने कहा कि टैक्स बेनेफिट्स के बावजूद लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज इनवेस्टमेंट का एक अच्छा ऑप्शन नहीं है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

First Published: Feb 07, 2023 9:51 AM

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