जुलाई महीने में महंगाई के मोर्चे पर सरकार को राहत मिलती नजर आई है। जुलाई के महंगाई आंकड़ें उम्मीद के मुताबिक जून की तुलना में बेहतर रहे हैं। जिसको देखते हुए अर्थशास्त्रियों का कहना है कि आरबीआई की रेट सेटिंग मॉनिटरी पॉलिसी कमिटी अपनी आने वाली बैठकों में ब्याज दरों में कम आक्रामक तरीके से बढ़ोतरी करने का रुख अपना सकती है।
12 अगस्त को आए आंकड़ों के मुताबिक जुलाई महीने में खुदरा महंगाई दर 6.71 फीसदी पर रही है जो कि पिछले 5 महीने का सबसे निचला स्तर है। बता दें कि मनीकंट्रोल द्वारा कराए गए एक पोल से यह निकलकर आया था कि जुलाई में खुदरा महंगाई का आंकड़ा जून के 7.01 फीसदी से घटकर 6.7 फीसदी पर आ सकता है। इसके अलावा जुलाई में कोर महंगाई दर भी जून के 6 फीसदी से घटकर 5.8 फीसदी पर आ गई है।
मनीकंट्रोल की गणना के मुताबिक 5.8 फीसदी पर आने वाली कोर महंगाई दर सितंबर 2021 के बाद अपने निचले स्तर पर है। बता दें कि सितंबर 2021 में भी कोर महंगाई दर 5.8 फीसदी थी।
इंडिया रेटिंग के इकोनॉमिस्ट सुनील कुमार सिन्हा का कहना है कि महंगाई दर में गिरावट मॉनिटरी अथॉरिटी के लिए निश्चित तौर पर एक अच्छी खबर है। हालांकि बाकी बचे वित्त वर्ष के इकोनॉमिक आंकड़ों के आधार पर अभी ब्याज दरों में और बढ़ोतरी की संभावना है। वर्तमान स्थितियों को देखने से लगता है कि वित्त वर्ष 2023 में आरबीआई अपनी रेपो रेट में 25-50 बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी कर सकता है।
Barclays के राहुल बाजोरिया का कहना है कि सितंबर और अक्टूबर में होनेवाली अपनी बैठकों में आरबीआई रेपो रेट में 25-बेसिस प्वाइंट की और बढ़ोतरी कर सकता है और रेपो रेट 5.9 फीसदी तक पहुंच सकता है। उन्होंने आगे कहा कि अगर ग्लोबल कमोडिटी की कीमतों में इसी तरह गिरावट जारी रहती है तो हो सकता है आरबीआई दिसंबर में अपनी बैठक में रेपो रेट में कोई बढ़ोतरी ना करें।
बता दें कि आरबीआई एमपीसी की अगली बैठक अब 30 सितंबर को होगी। अब तक आरबीआई ने 3 बार में अपने रेपो रेट में 1.40 फीसदी की बढ़ोतरी की है। आरबीआई के लिए महंगाई पर नियत्रंण सबसे बड़ी प्राथमिकता बन गई है जिसके चलते आरबीआई ब्याज दरों में बढ़ोतरी का तरीका अपना रहा है।
ICRA का चीफ इकोनॉमिस्ट अदिति नायर का कहना है कि आरबीआई की सितंबर में रेपो रेट में होने वाली बढ़त 25 बेसिस प्वाइंट से भी कम की हो सकती है। उनका मानना है कि आरबीआई का कोई भी निर्णय महंगाई के आंकड़ों पर ही निर्भर करेगा।