स्विस बैंकों में भारतीय लोगों और फर्मों का डिपॉजिट कम हुआ है। स्विट्जरलैंड के सेंट्रल बैंक के मुताबिक, साल 2022 के दौरान वहां के बैंकों में भारतीय लोगों और फर्मों के डिपॉजिट में 11 पर्सेंट की गिरावट आई और यह रकम घटकर 3.42 अरब स्विस फ्रैंक (तकरीबन 30,000 करोड़ रुपये) हो गई।
इससे पिछले साल के दौरान स्विस बैंकों में भारतीय डिपॉजिट में बढ़ोतरी हुई थी। साल 2021 के दौरान इन बैंकों में भारतीय क्लाइंट्स का कुल फंड 14 साल के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचकर 3.83 अरब स्विस फ्रैंक हो गया था।
हालांकि, ये आंकड़े वहां के बैंकों द्वारा स्विस नेशनल बैंक (SNB) को भेजी गई आधिकारिक जानकारी पर आधारित हैं और इनसे भारतीयों द्वारा स्विट्जरलैंड की बैंकों में जमा किए काले धन के बारे में पता नहीं चलता। इन आंकड़ों में उन भारतीयों या प्रवासी भारतीयों की रकम भी शामिल नहीं है, जिन्होंने तीसरे देश की इकाइयों के नाम से स्विस बैंकों में पैसा जमा कर रखा है।
स्विस नेशनल बैंक (SNB) के मुताबिक, साल 2022 के अंत में स्विस बैंकों में भारतीय क्लाइंट्स से जुड़ी कुल लाइबलिटी 3,424 मिलियन स्विस फ्रैंक थी। इसमें कस्टमर डिपॉजिट के तौर पर 394 मिलियन स्विस फ्रैंक जमा था, जबकि 2021 में यह आंकड़ा 602 मिलियन स्विस फ्रैंक था। साथ ही, 24 मिलियन स्विस फ्रैंक ट्रस्ट या ट्रस्टी के जरिये जमा थे और बॉन्ड, सिक्योरिटीज और अन्य वित्तीय उत्पादों के तौर पर 1,896 मिलियन स्विस फ्रैंक जमा थे, जबकि 2021 में यह रकम 2,002 मिलियन थी।
SNB के मुताबिक, भारतीय ग्राहकों से जुड़ी स्विस बैंकों की 'कुल लाइबिलिटी' में सभी तरह के फंड को शामिल किया गया है और इसमें निजी लोगों, बैंकों और उद्यमों के डिपॉजिट शामिल हैं। साल 2020 के दौरान स्विस बैंकों में भारतीय ग्राहकों के डिपॉजिट में भारी गिरावट हुई थी, जबकि 2021 में सभी कैटगरी के डिपॉजिट में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली थी। साल 2022 में सिर्फ ट्रस्ट सेगमेंट के डिपॉजिट में बढ़ोतरी देखने को मिली।