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2023 में IPO बाजार में छोटी-मझोली कंपनियों का रहेगा बोलबाला, ओवरवैल्यूड और घाटे वाली कंपनियों से निवेशक रहेंगे दूर

मंदी की चर्चा के बावजूद आगे ब्रॉडर मार्केट अच्छी तेजी देखने को मिलेगी, जिसका मतलब है कि आईपीओ की पाइपलाइन भी मजबूत रहेगी। लेकिन ओवरवैल्यूड या घाटे में चल रही कंपनियों के लिए फंड जुटाना आसान नहीं होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 16, 2022 पर 2:30 PM
2023 में IPO बाजार में छोटी-मझोली कंपनियों का रहेगा बोलबाला, ओवरवैल्यूड और घाटे वाली कंपनियों से निवेशक रहेंगे दूर
वर्तमान में सेबी के पास लगभग दो दर्जन आईपीओ अर्जियां पड़ी हुई हैं। इसमें सॉफ्टबैंक ग्रुप के निवेश वाली Oyo Hotels और Tata Play Ltd के आईपीओ की अर्जी भी शामिल है

2023 में भारत में बड़ी संख्या में स्मॉल और मिड साइज की कंपनियों की लिस्टिग देखने को मिल सकती है। 2022 में कुछ बड़ी टेक्नोलॉजी कंपनियों के आईपीओ के फेल होने के बाद निवेशक सतर्क नजर आ रहे हैं। ऐसे में आईपीओ बाजार के लिहाज से अगला साल छोटी-मझोली कंपनियों के नाम रह सकता है। भारत की की बड़ी स्टार्ट अप्स का वैल्यू में उनकी लिस्टिंग के बाद से काफी गिरावट देखने को मिली है। दुनियाभर में बढ़ती ब्याज दरों के कारण आगे टेक्नोलॉजी स्टॉक्स पर दबाव कायम रहने की उम्मीद है। इस स्टॉक में प्री-आईपीओ इंवेस्टरों के लिए लागू लॉक-इन के खतम होने के बाद और गिरावट आई है।

मंदी के जोखिम के चलते ग्रोथ स्टॉक्स का आउटलुक कमजोर

मंदी के जोखिम के चलते ग्रोथ स्टॉक्स का आउटलुक कमजोर हुआ है। ऐसे में निवेशक 2023 में ज्यादा सेलेक्टिव होते नजर आ सकते हैं। नए साल में निवेशक दूसरे सेक्टरों की छोटी कंपनियों पर फोकस बढ़ाते दिख सकते हैं। वर्तमान में सेबी के पास लगभग दो दर्जन आईपीओ अर्जियां पड़ी हुई हैं। इसमें सॉफ्टबैंक ग्रुप के निवेश वाली Oyo Hotels और Tata Play Ltd के आईपीओ की अर्जी भी शामिल है।

2023 में आईपीओ के जरिए होने वाली कुल फंड रेजिंग थोड़ी कम रह सकती है

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