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KCR का हैट्रिक बनाने का सपना टूटा, तेलंगाना में BRS की हार के 7 बड़े कारण

के चंद्रशेखर राव को इस बात का ज्यादा ही भरोसा था कि लोग उनकी सरकार को पसंद करते हैं और वे तीसरी बार उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका देंगे। हालांकि, केसीआर और उनकी सरकार के बारे में लोगों की राय अच्छी है लेकिन पार्टी के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी ऐसी थी उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 03, 2023 पर 5:37 PM
KCR का हैट्रिक बनाने का सपना टूटा, तेलंगाना में BRS की हार के 7 बड़े कारण
कांग्रेस ने यह नारा दिया था कि वह तेलंगाना में केसीआर परिवार के शासन को खत्म करना चाहती है। लोगों को यह नारा पसंद आया।

BRS चीफ के चंद्रशेखर राव का लगातार तीसरी बार तेलंगाना का मुख्यमंत्री बनने का सपना टूट गया। उधर, कांग्रेस अलग राज्य बनने के बाद पहली बार तेलंगाना में सरकार बनाने जा रही है। राज्य बनने के बाद लगातार दो बार सत्ता में रहने वाली बीआरएस का कार्यकर्ताओं को इस बार हैट्रिक बनाने की उम्मीद थे। उन्होंने इसके लिए खूब मेहनत भी की थी। लेकिन, 3 दिसंबर को आए नतीजों ने यह साबित कर दिया कि सफलता के लिए एक ही रणनीति हर बाार काम नहीं करती। बीआरएस की हार के लिए ये 7 कारण जिम्मेदार हैं:

1. BRS के विधायकों से खुश नहीं थे मतदाता

बीआरएस ने 2014 के विधानसभा चुनावों में बड़ी जीत हासिल की थी। 2018 में हुए चुनावों में पार्टी ने अपने उम्मीदवार ज्यादा नहीं बदले थे। दूसरी बार भी पार्टी आसानी से जीत गई थी। इससे 2023 के चुनावों में बीआरएस और इसके कार्यकर्ताओं का हौसला बुलंद था। उसने एक बार फिर उम्मीदवारों की लिस्ट में ज्यादा बदलाव नहीं किया। लेकिन, इस बार स्ट्रेटेजी गलत साबित हुई। बीआरएस के ज्यादातर पुराने उम्मीदवार चुनाव हार गए। मतदाताओं को बीआरएस प्रमुख का तानाशाही रवैया पसंद नहीं आया। कांग्रेस ने मौके का फायदा उठाया। उसने बीआरएस के खिलाफ खुलकर हमला किया और चुनाव जीतने में सफल रही।

2. अति आत्मविश्वास

के चंद्रशेखर राव को इस बात का ज्यादा ही भरोसा था कि लोग उनकी सरकार को पसंद करते हैं और वे तीसरी बार उन्हें मुख्यमंत्री बनने का मौका देंगे। हालांकि, केसीआर और उनकी सरकार के बारे में लोगों की राय अच्छी है लेकिन पार्टी के खिलाफ मतदाताओं की नाराजगी ऐसी थी उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवारों के पक्ष में मतदान किया। बीआरएस के वर्किंग प्रेसिडेंट केटी रामा राव यानी केटीआर ने यह माना है कि उन्होंने केसीआर को सलाह दी थी कि अगर पार्टी उम्मीदवारों को बदलती है तो वह 100 तक सीटे जीत सकती है। चुनावी नतीजों से साबित हो गया है कि पुराने उम्मदवारों को टिकट देकर बीआरएस ने गलती की।

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