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Rajasthan Elections 2023: क्या कांग्रेस खत्म कर पाएगी 25 वर्षों का ट्रेंड, या BJP की होगी सत्ता में वापसी? आज लॉक होगा 199 सीटों का भाग्य

राजस्थान की सत्ता में आने के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने प्रदेश की जनता से वादों की झड़ी लगा दी है। दोनों ही पार्टियों ने एक दूसरे पर आरोपों के तीखे वार भी किए हैं। राजस्थान की सियासी हवा कुछ ऐसी है कि पिछले 25 वर्षों से किसी भी राजनीतिक दल ने सत्ता बरकरार नहीं रखी है। साल 1998 के बाद से हर 5 साल पर राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी बदल जाती है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Nov 25, 2023 पर 11:27 AM
Rajasthan Elections 2023: क्या कांग्रेस खत्म कर पाएगी 25 वर्षों का ट्रेंड, या BJP की होगी सत्ता में वापसी? आज लॉक होगा 199 सीटों का भाग्य
साल 1998 के बाद से हर 5 साल पर राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी बदल जाती है।

Rajasthan Polls 2023: राजस्थान में किसकी सरकार बनेगी, इसका फैसला करने के लिए वोटिंग 25 नवंबर को सुबह 7 बजे से शुरू हो चुकी है। राज्य में 199 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ रहे हैं और सुबह 9 बजे तक 9.77 प्रतिशत मतदान किया जा चुका था। सत्तारूढ़ कांग्रेस और विपक्षी पार्टी बीजेपी (Bhartiya Janta Party), दोनों को ही अपनी जीत की पूरी उम्मीद है। राजस्थान की सियासी हवा कुछ ऐसी है कि पिछले 25 वर्षों से किसी भी राजनीतिक दल ने सत्ता बरकरार नहीं रखी है। साल 1998 के बाद से हर 5 साल पर राजस्थान में सत्तारूढ़ पार्टी बदल जाती है। कांग्रेस और बीजेपी बारी-बारी से राज्य की सत्ता में आती रही हैं।

कांग्रेस को उम्मीद है कि वह अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के "कल्याणवाद" और अपने घोषणापत्र में किए गए वादों के जरिए एक बार फिर सत्ता में आकर इस ट्रेंड को खत्म कर देगी। वहीं बीजेपी किसान, महिला और युवाओं से जुड़े मुद्दों को जोर-शोर से उठाकर कांग्रेस सरकार को बाहर करना चाहती है।

छोटे दलों की भूमिका भी अहम

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के बागी मैदान में हैं और छोटे दलों की भूमिका भी अहम है। राज्य में BSP यानी बहुजन समाज पार्टी ने भी सीटें जीती हैं। आम आदमी पार्टी भी मैदान में है। छोटी पार्टियों में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, भारतीय आदिवासी पार्टी, सीपीआई-एम, जननायक जनता पार्टी और आजाद समाज पार्टी शामिल हैं। बीजेपी ने सांसदों समेत कुछ वरिष्ठ नेताओं को मैदान में उतारा है। बीजेपी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, बीजेपी प्रमुख जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह उन नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पार्टी प्रत्याशियों के लिए समर्थन मांगा। वहीं कांग्रेस के अशोक गहलोत ने पूरे राज्य में पार्टी के लिए प्रचार किया और मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी सहित वरिष्ठ नेताओं ने भी राज्य में प्रचार किया।

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