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Swachh Survekshan Awards: इंदौर 7वीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, 4400 शहरों के बीच थी कड़ी टक्कर

Swachh Survekshan Awards: मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर को इस बार नंबर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख कमर्शियल टाउन सूरत के साथ शेयर करना पड़ा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर के लगातार 7वीं बार अव्वल रहने पर प्रसन्नता जताते हुए गुरुवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है

Akhileshअपडेटेड Jan 11, 2024 पर 6:19 PM
Swachh Survekshan Awards: इंदौर 7वीं बार बना देश का सबसे स्वच्छ शहर, 4400 शहरों के बीच थी कड़ी टक्कर
Swachh Survekshan Awards 2024: CM डॉ. मोहन यादव ने खुशी जताते हुए कहा कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है

Swachh Survekshan Awards 2024: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore Cleanest City Award) और गुजरात के सूरत (Surat) को देश में 'सबसे स्वच्छ शहर' चुना गया है। जबकि नवी मुंबई ने सर्वेक्षण में अपना तीसरा स्थान बरकरार रखा है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर लगातार सातवीं बार अव्वल रहा है। मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले इस शहर को इस बार नंबर-1 का खिताब गुजरात के प्रमुख कमर्शियल टाउन सूरत के साथ शेयर करना पड़ा है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इंदौर के लगातार 7वीं बार अव्वल रहने पर खुशी जताते हुए गुरुवार को कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि साफ-सफाई की आदत शहरवासियों की सोच में शामिल हो गई है।

'वेस्ट टू वेल्थ' की थीम पर केंद्रित 2023 के स्वच्छता सर्वेक्षण में अलग-अलग कैटेगरी में देश के 4,400 से ज्यादा शहरों के बीच कड़ी टक्कर थी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में दिल्ली में आयोजित समारोह में इंदौर को सूरत के साथ देश का सबसे स्वच्छ शहर घोषित किया गया। मुख्यमंत्री यादव ने इस समारोह में राष्ट्रपति के हाथों इंदौर का पुरस्कार प्राप्त किया। इस मौके पर राज्य के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, इंदौर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव, इंदौर नगर निगम की आयुक्त हर्षिका सिंह भी मौजूद थीं।

कैसे होती है शहर की सफाई?

अधिकारियों ने बताया कि शहर में औसत आधार पर हर दिन 692 टन गीला कचरा, 683 टन सूखा कचरा और 179 टन प्लास्टिक अलग-अलग कैटेगरी में इकट्ठा किया जाता है। इसके लिए शहर भर में करीब 850 गाड़ियां चलती हैं जिनमें डायपर और सैनिटरी नैपकिन के लिए स्पेशल कम्पार्टमेंट बनाए गए हैं।

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