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Chhattisgarh Assembly election 2023: छत्तीसगढ़ में तमाम बाकी मुद्दों पर हावी है धान और उसकी खरीद का मुद्दा

छत्तीसगढ़ को 'चावल का कटोरा' कहा जाता है और यहां के आगामी विधानसभा चुनाव में धान प्रमुख चुनावी मुद्दा है। राज्य में किसानों को धान के लिए जो कीमत दी जाती है, वह संभवतः देश में सबसे ज्यादा है। क्रॉप ईयर 2022-23 में सामान्य धान के लिए 2,640 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया गया, जबकि ग्रेड 'ए' के धान के लिए 2,660 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत अदा की गई

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 30, 2023 पर 9:24 PM
Chhattisgarh Assembly election 2023: छत्तीसगढ़ में तमाम बाकी मुद्दों पर हावी है धान और उसकी खरीद का मुद्दा
राज्य की भूपेश बघेल सरकार पहले ही वादा कर चुकी है कि सत्ता में आने पर वह 3,600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीद करेगी।

छत्तीसगढ़ को 'चावल का कटोरा' कहा जाता है और यहां के आगामी विधानसभा चुनाव में धान प्रमुख चुनावी मुद्दा है। राज्य में किसानों को धान के लिए जो कीमत दी जाती है, वह संभवतः देश में सबसे ज्यादा है। क्रॉप ईयर 2022-23 में सामान्य धान के लिए 2,640 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से भुगतान किया गया, जबकि ग्रेड 'ए' के धान के लिए 2,660 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत अदा की गई। इस कीमत में केंद्र सरकार का एमएसपी (MSP) 2,040-2,060 रुपये और राज्य सरकार का बोनस (600 रुपये) भी शामिल है। एक अखबार के मुताबिक, पिछले मार्केटिंग ईयर में कुल 23.4 लाख किसानों से 1.075 करोड़ टन का धान खरीदा गया और इसके लिए 28,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।

हाल में अपनी छत्तीसगढ़ यात्रा के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी रायपुर के पास एक गांव में धान के खेतों में काम करते नजर आए। इसके बाद गांधी ने X (ट्विटर) पर लिखा, 'अगर किसान खुश हैं, तो भारत खुश है। छत्तीसगढ़ में किसानों के लिए कांग्रेस सरकार ने 5 अच्छे काम किए हैं। 2,640 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान का एमएसपी तय करना, 26 लाख किसानों को 23,000 करोड़ की इनपुट सब्सिडी, 19 लाख किसानों को 10,000 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया, बिजली बिल आधा किया गया और 5 लाख कृषि मजदूरों को 7,000 रुपये सालाना की मदद दी गई। यह मॉडल पूरे देश में दोहराया जाएगा।'

राज्य की भूपेश बघेल सरकार पहले ही वादा कर चुकी है कि सत्ता में आने पर वह 3,600 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से धान की खरीद करेगी। इसके अलावा, सरकार हर साल सभी किसानों को 9,000 रुपये प्रति एकड़ सब्सिडी का भुगतान करती है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार खरीफ सीजन के दौरान तकरीबन 26 लाख किसानों से धान की खरीद करती है।

News18 के मुताबिक, राज्य की कुल 90 में से कम से कम 63 विधानसभाओं में धान की खेती से जुड़े किसानों के मुद्दे निर्णायक हैं। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव ने बताया कि कांग्रेस इन स्कीमों के जरिये 'भ्रष्टाचार' में शामिल है। उन्होंने कहा, 'अगर उन्होंने किसानों का जीवन बेहतर बनाया है, तो उन्हें कर्जमाफी करने की क्या जरूरत है? एक वित्तीय रूप से सक्षम किसान को खेती के लिए लोन लेने की क्यों जरूरत पड़ेगी? कांग्रेस ने पिछले चुनाव में 10,000 करोड़ की कर्जमाफी का ऐलान किया था और इस बार उन्होंने यह राशि दोगुनी कर दी है। यह गलत परंपरा है।'

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