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Assembly Elections 2023: एमपी, राजस्थान और तेलंगाना सहित पांचों राज्यों में कितने फीसदी मतदाताओं ने NOTA चुना?

Assembly Elections 2023: छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना में वोटों की गिनती पूरी हो चुकी है। इनमें से तीन राज्यों में बीजेपी को जीत मिली है। वहीं एक राज्य कांग्रेस के पास गया है। छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस को पीछे छोड़ते हुए 54 सीटों पर जीत हासिल की है। वहीं, राजस्थान में भी बीजपी ने 115 सीटें जीतकर कांग्रेस को हराया है

Akhileshअपडेटेड Dec 04, 2023 पर 11:00 AM
Assembly Elections 2023: एमपी, राजस्थान और तेलंगाना सहित पांचों राज्यों में कितने फीसदी मतदाताओं ने NOTA चुना?
Assembly Elections 2023: नोटा का विकल्प 2013 में शुरू किया गया था

Assembly Elections Results 2023: तीन दिसंबर को जिन चार राज्यों में मतगणना हुई, उनके आंकड़ों से पता चलता है कि इनमें से तीन राज्यों में एक प्रतिशत से भी कम मतदाताओं ने हाल में समाप्त हुए विधानसभा चुनावों में उपरोक्त में से कोई नहीं (NOTA) का विकल्प चुना। विधानसभा चुनाव पांच राज्यों में कराए गए हैं। इनमें से मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ तथा तेलंगाना में मतगणना रविवार को हुई। जबकि मिजोरम में मतगणना सोमवार को हो रही है।

मध्य प्रदेश में हुए 77.15 प्रतिशत मतदान में से 0.99 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में, 1.29 प्रतिशत मतदाताओं ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर नोटा का बटन दबाया। तेलंगाना में 0.74 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। राज्य में 71.14 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसी तरह, राजस्थान में 0.96 प्रतिशत मतदाताओं ने नोटा का विकल्प चुना। राज्य में 74.62 प्रतिशत मतदान हुआ।

NOTA विकल्प पर पीटीआई से बात करते हुए कंज्यूमर डेटा इंटेलीजेंस कंपनी एक्सिस माय इंडिया के प्रदीप गुप्ता ने कहा कि नोटा का इस्तेमाल .01 प्रतिशत से लेकर अधिकतम दो प्रतिशत तक किया गया। उन्होंने कहा कि यदि कोई नई चीज शुरू की जाती है तो इसकी प्रभावकारिता इसके नतीजे पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि मैंने सरकार को इस बारे में पत्र लिखा था कि अगर नोटा को सही मायने में प्रभावी बनाना है, तो अधिकतम संख्या में लोगों द्वारा इसका (नोटा का) बटन दबाए जाने पर नोटा को विजेता घोषित किया जाना चाहिए।

गुप्ता भारत में अपनाए गए 'फर्स्ट-पास्ट-द-पोस्ट' सिद्धांत का जिक्र कर रहे थे, जिसमें सर्वाधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जिन उम्मीदवारों को जनता ने खारिज कर दिया है, उन्हें ऐसी स्थिति में चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, जहां नोटा को अन्य उम्मीदवारों से अधिक वोट पड़े हों।

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