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Assembly Elections 2023: कर्ज में डूबे ये चुनावी राज्य, कैसे पूरे करेंगे जनता से किए लाखों करोड़ों रुपए के वादे

Assembly Elections 2023: इन दिनों आपको मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हर दिन एक के बाद एक नई योजना या घोषणा का ऐलान सुनाई पड़ेगा और ऐसा हो भी क्यों न? इन राज्यों में विधानसभा चुनाव जो होने वाले हैं। ये जाहिर है कि सत्ता की कुर्सी तक जनता ही पहुंचा सकती है। इसलिए चुनाव जीतने से पहले जनता का दिल जीतना बहुत जरूरी है

Shubham Sharmaअपडेटेड Oct 05, 2023 पर 12:52 PM
Assembly Elections 2023: कर्ज में डूबे ये चुनावी राज्य, कैसे पूरे करेंगे जनता से किए लाखों करोड़ों रुपए के वादे
Assembly Elections 2023: कर्ज के बोझ तले ये राज्य, चुनाव में कैसे पूरे करेंगे जनता से किए लाखों करोड़ों रुपए के वादे

Assembly Elections 2023: चुनाव की आहट हुई नहीं कि सरकारें और राजनीतिक दल अपने भंडार जनता के लिए खोल देते हैं। नई-नई योजनाओं और घोषणाओं से वोटर को लुभाने के लिए, स्मार्ट फोन से लेकर स्कूटी जैसे कई बड़े तोहफे बांटने का वादे कर देते हैं। जनता को लाखों करोड़ों रुपए की योजनाओं की सौगात देने की आए दिन खबरें आपको मिल ही जाती होंगी। इन दिनों आपको मध्य प्रदेश (MP), राजस्थान (Rajasthan) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में हर दिन एक के बाद एक नई योजना या घोषणा का ऐलान सुनाई पड़ेगा और ऐसा हो भी क्यों न? इन राज्यों में विधानसभा चुनाव जो होने वाले हैं। ये जाहिर है कि सत्ता की कुर्सी तक जनता ही पहुंचा सकती है। इसलिए चुनाव जीतने से पहले जनता का दिल जीतना बहुत जरूरी है।

हार जीत की इस लड़ाई का एक दूसरा पहलू भी है और ये शायद ज्यादा गंभीर है। दरअसल ये तीनों राज्य ऐसे समय में लाखों करोड़ों रुपए की योजना का ऐलान कर रहे हैं, जब पिछले पांच साल में इनके ऊपर कर्ज बढ़ा है और ये सभी राज्य गहरे वित्तीय संकट से जूझ रहे हैं।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) की तरफ से संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, राज्यों की कुल बकाया देनदारियां (Total outstanding liabilities) वित्तीय वर्ष 2019 में 1.9 लाख करोड़ रुपए थी। अब ये बढ़कर वित्तीय वर्ष 2023 के बजट अनुमान में 3.66 लाख करोड़ रुपए हो गईं। इन पांच सालों के दौरान प्रतिशत के हिसाब से देखें, बकाया देनदारियों में सालाना बढ़ोतरी के मामले में तेलंगाना राजस्थान के बाद दूसरे नंबर पर था।

राजस्थान में का कर्ज बढ़ा और योजनाएं भी

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