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Assembly Elections Result 2023: 3 दिसंबर का रिजल्ट 2024 के लोकसभा चुनावों को कितना प्रभावित करेगा?

Assembly Elections Result 2023: लोकसभा चुनाव से पहले मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत की भविष्यवाणी बीजेपी को इन तीन हिंदी भाषी राज्यों में प्रमुख स्थिति में ला देगी। हालांकि, भगवा पार्टी के लिए मुख्य चिंता दक्षिण भारत में इसकी घटती उपस्थिति होगी, क्योंकि एग्जिट पोल में तेलंगाना में BJP के खराब प्रदर्शन की भविष्यवाणी की गई है

Akhileshअपडेटेड Dec 01, 2023 पर 4:17 PM
Assembly Elections Result 2023: 3 दिसंबर का रिजल्ट 2024 के लोकसभा चुनावों को कितना प्रभावित करेगा?
Assembly Elections Result 2023: एग्जिट पोल ने किसी भी चुनावी राज्य में स्पष्ट बहुमत की भविष्यवाणी नहीं की गई है

Assembly Elections Result 2023: अगले साल 2024 से होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों को सेमीफाइनल के तौर पर देखा जा रहा है। इन चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस (Congress) नेता राहुल गांधी ने ताबड़तोड़ रैलियां की हैं। 9 अक्टूबर को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया गया था। सभी पांचों राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम और तेलंगाना में मतदान पूरा हो चुका है। अब 3 दिसंबर को मणगणना होना है। वोटों की गिनती से 3 दिन पहले विभिन्न एग्जिट पोल ने किसी भी चुनावी राज्य में स्पष्ट बहुमत की भविष्यवाणी नहीं की है।

कांग्रेस के लिए बड़ा दांव

दो एग्जिट पोल्स ने मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी को भारी बहुमत दिया है। चुनाव से पहले कांग्रेस की वापसी और मजबूत सत्ता विरोधी लहर की खबरों को खारिज कर दिया है। एग्जिट पोल्स की मानें तो राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है। बता दें कि राजस्थान में हर पांच साल बाद मौजूदा सरकार को उखाड़ फेंकने की 30 साल पुरानी परंपरा है। छत्तीसगढ़ में भी दोनों पार्टियां कड़ी लड़ाई में फंसी हुई हैं।

हालांकि कांग्रेस को बढ़त हासिल है, जबकि सबसे पुरानी पार्टी के तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (BRS) को सत्ता से बाहर कर बड़ा उलटफेर करने की भी भविष्यवाणी की गई है। वहीं, मिजोरम में त्रिशंकु विधानसभा का अनुमान लगाया गया है। यदि कांग्रेस इन कड़े मुकाबलों में विजेता बनकर उभरती है, तो यह कैडर को प्रेरित कर सकती है। साथ ही पार्टी को लोकसभा चुनावों से पहले पुनरुत्थान की राह पर ला सकती है।

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