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Assembly Election 2023: क्या ज्यादा वोटिंग होने पर चुनाव हार जाती है मौजूदा सरकार?

मतदान के आंकड़ों से चुनाव में वोटरों की भागीदारी के बारे में पता चलता है। हालांकि, यह संभावित नतीजों के बारे में कुछ नहीं बताता है। हाल में खत्म हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मतदान का प्रतिशत काफी बेहतर रहा है। इससे साफ है कि वोटरों ने इन चुनावों में काफी दिलचस्पी दिखाई है। पारंपरिक तौर पर माना जाता है कि वोटिंग कम होने पर मौजूदा सत्ताधारी पार्टी ही अगली बार सत्ता में आ सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Dec 01, 2023 पर 4:10 PM
Assembly Election 2023: क्या ज्यादा वोटिंग होने पर चुनाव हार जाती है मौजूदा सरकार?
मुस्लिम, आदिवासी और दलितों की ज्यादा आबादी वाली सीटों के मतदान प्रतिशत को लेकर भी काफी चर्चा रही है।

मतदान के आंकड़ों से चुनाव में वोटरों की भागीदारी के बारे में पता चलता है। हालांकि, यह संभावित नतीजों के बारे में कुछ नहीं बताता है। हाल में खत्म हुए विधानसभा चुनावों में चार राज्यों में मतदान का प्रतिशत काफी बेहतर रहा है। इससे साफ है कि वोटरों ने इन चुनावों में काफी दिलचस्पी दिखाई है। तेलंगाना में मतदान प्रतिशत 2018 के मुकाबले कम रहा। हालांकि, हमारी राय में इससे चुनावी नतीजों के बारे में कोई संकेत नहीं मिलता है।

पारंपरिक तौर पर माना जाता है कि मतदान प्रतिशत ज्यादा रहने पर सत्ता में बदलाव की संभावना होती है, जबकि अगर वोटिंग कम होती है, तो इससे यह संकेत मिलते हैं कि मौजूदा सत्ताधारी पार्टी ही अगली बार सत्ता में आएगी। हालांकि, प्रमाण न तो लोकसभा चुनाव और न ही विधानसभा चुनावों में इस बात की तस्दीक करते हैं।

मतदान प्रतिशत और सत्ता-विरोधी माहौल

अब तक हुए कुल 17 लोकसभा चुनावों में से 7 चुनाव में मतदान प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है। इनमें से तीन बार केंद्र सरकार फिर से चुनी गई, जबकि चार बार मौजूदा सरकार सत्ता से बाहर हो गई। सात लोकसभा चुनावों में मतदान प्रतिशत में गिरावट रही और इनमें से 4 बार सरकार को हार का सामना करना पड़ा, जबकि तीन बार केंद्र सरकार फिर से सत्ता में आई। इन आंकड़ों से साफ है कि मतदान प्रतिशत का चुनाव नतीजों से सीधे तौर पर कोई संबंध नहीं है।

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