Price Cap for Russian Crude:रूस के क्रूड ऑयल (Russian Crude Oil) के लिए 60 डॉलर प्रति बैरल की प्राइस लिमिट (Price Limit for Russian Oil) पर सहमति बनती दिख रही है। Group of Seven (G7) के देशों और ऑस्ट्रेलिया ने इस लिमिट पर शुक्रवार को सहमति जताई। पोलैंड के रुख में नरमी के बाद यूरोपीय यूनियन (EU) भी इस लिमिट को मानने के लिए तैयार हो गया है। इससे 3-4 दिसंबर को इस लिमिट पर औपचारिक मुहर लग जाने की उम्मीद है। जी7 और ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि यह प्राइस कैप 5 दिसंबर या उसके तुरंत बाद लागू हो सकता है। प्राइस कैप का यह आइडिया जी7 का है। इसका मकसद ऑयल की बिक्री से रूस को होने वाली इनकम में कमी लाना है। साथ ही ये देश रूस के ऑयल पर EU के प्राइस कैप के लागू होने के बाद कीमतों में तेज उछाल को भी रोकना चाहते हैं। शुरुआत में पोलैंड 60 डॉलर प्रति बैरल के प्राइस कैप को मानने को तैयार नहीं था। वह इस कैप को और नीचे रखना चाहता था ताकि ऑयल की बिक्री से हासिल पैसे का इस्तेमाल रूस यूक्रेन पर हमले के लिए नहीं कर सके।