2016 की नोटबंदी के समय 500 और 1000 रुपये के नोट को तत्काल प्रभाव से सर्कुलेशन से हटाया गया था। तब इन दोनों डिनॉमिनेशन के नोट का सर्कुलेशन करीब 86 फीसदी था। इस नोटबंदी की घोषणा खुद पीएम मोदी ने की थी,न कि आरबीआई ने। जबकि इस बार 2000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से बाहर करने की घोषणा आरबीआई द्वारा की गई है। आरबीआई ने साफ तौर पर कहा है कि ये नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे। यानी नोट की वैधता पर कोई सवाल नहीं है
अपडेटेड May 20, 2023 पर 02:10