तीसरी तिमाही में SBI के नतीजे मिले-जुले रहे। मुनाफा अनुमान से कहीं ज्यादा 35% घटा। ब्याज से कमाई भी उम्मीद से कम 4.6% बढ़ी। हालांकि 33 तिमाहियों में एसेट क्वालिटी सबसे अच्छी रही। पिछली 7 तिमाहियों में सबसे ज्यादा लोन ग्रोथ देखने को मिली। बैंक को Q3 में 7100 करोड़ रुपये एकमुश्त मुनाफे पर दबाव का सामना करना पड़ा। पेन्शन और DA अकाउंट से एकमुश्त घाटा हुआ। नेट इंटरेस्ट मार्जिन 6 महीने के निचले स्तर पर पहुंची। Q3 में नए स्लिपेजेज 60% बढ़कर 4,960 करोड़ रुपये रहे। Q3 में प्रोविजन 6 गुना बढ़कर 687.5 करोड़ रुपये रहे। जेपी मॉर्गन ने एसबीआई पर ओवरवेट रेटिंग दी है। जेफरीज और नोमुरा ने खरीदारी की राय दी है। जानते हैं किसने कितना दिया टारगेट प्राइस