Lok Sabha Elections 2024: अप्रैल-मई में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रमुख मायावती को बड़ा झटका देते हुए उत्तर प्रदेश के आंबेडकर नगर संसदीय क्षेत्र से बहुजन समाज पार्टी (BSP) के टिकट पर लोकसभा के लिए चुने गए रितेश पांडेय ने रविवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। हाथी का साथ छोड़कर पांडे रविवार को ही दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और अन्य बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में रितेश पांडे BJP में शामिल हुए। इससे पहले BSP प्रमुख मायावती को लिखे इस्तीफे की प्रति पांडेय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की।
इस बीच बीएसपी प्रमुख मायावती ने रविवार को X पर सिलसिलेवार पोस्ट में रितेश पांडेय का जिक्र किए बिना अपनी पार्टी के सांसदों से पूछा कि "क्या स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे लोगों को टिकट देना संभव है।" BSP प्रमुख को संबोधित पत्र में रितेश पांडेय ने पार्टी से विधायक और फिर सांसद चुने जाने की अपनी राजनीतिक उपलब्धियों की चर्चा करते हुए यह शिकायत की कि ''मुझे लंबे समय से न तो पार्टी की बैठकों में बुलाया जा रहा है और न ही नेतृत्व के स्तर पर संवाद किया जा रहा है। मैंने अपने शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क के अनगिनत प्रयास किये लेकिन उनका कोई परिणाम नहीं निकला।''
'पार्टी को मेरी जरूरत नहीं'
पांडेय ने कहा, ''मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि पार्टी को मेरी सेवा और उपस्थिति की अब कोई आवश्यकता नहीं रही, इसलिए प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देने के अलावा मेरे समक्ष कोई विकल्प नहीं है। पार्टी से नाता तोड़ने का यह निर्णय भावनात्मक रूप से एक कठिन निर्णय है।'' उन्होंने कहा, ''मैं इस पत्र के माध्यम से बहुजन समाज पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र देता हूं और आपसे आग्रह है कि मेरे इस त्यागपत्र को अविलंब स्वीकार किया जाए।''
मायावती ने X पर पोस्ट में रितेश पांडेय का जिक्र किए बिना अपनी पार्टी के सांसदों को नसीहत देते हुए कहा, ''बीएसपी राजनीतिक दल के साथ ही परम पूज्य बाबा साहेब डा. भीमराव आंबेडकर के आत्मसम्मान व स्वाभिमान के मिशन को समर्पित मूवमेन्ट भी है जिस कारण इस पार्टी की नीति व कार्यशैली देश की पूंजीवादी पार्टियों से अलग है जिसे ध्यान में रखकर ही चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार भी उतारती है।''
मायावती ने कहा, ''अब बीएसपी के सांसदों को इस कसौटी पर खरा उतरने के साथ ही स्वयं जांचना है कि क्या उन्होंने अपने क्षेत्र की जनता का सही ध्यान रखा? क्या अपने क्षेत्र में पूरा समय दिया? साथ ही, क्या उन्होंने पार्टी व मूवमेन्ट के हित में समय-समय पर दिये गये दिशा-निर्देशों का सही से पालन किया है?''
BSP प्रमुख ने कहा, ''ऐसे में अधिकतर लोकसभा सांसदों का टिकट दिया जाना क्या संभव है, खासकर तब जब वे स्वंय अपने स्वार्थ में इधर-उधर भटकते नजर आ रहे हैं व निगेटिव चर्चा में हैं। मीडिया द्वारा यह सब कुछ जानने के बावजूद इसे पार्टी की कमजोरी के रूप में प्रचारित करना अनुचित है। बीएसपी का पार्टी हित सर्वोपरि है।''
यूरोपियन स्कूल लंदन से अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रबंधन में ग्रेजुएट की डिग्री हासिल करने वाले 42 वर्षीय रितेश पांडेय राजनीतिक परिवार से आते हैं। उनके पिता राकेश पांडेय उत्तर प्रदेश विधानसभा के 2022 के चुनाव में आंबेडकरनगर जिले के जलालपुर विधानसभा क्षेत्र से समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुने गये। इसके पहले राकेश पांडेय 2009 से 2014 तक आंबेडकर नगर के सांसद रहे थे।
रितेश पांडेय 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उस समय राज्य सरकार में मंत्री रहे मुकुट बिहारी वर्मा को पराजित किया था। इसके पहले रितेश पांडेय 2017 के विधानसभा चुनाव में जलालपुर से ही बसपा के विधायक चुने गए थे। BSP प्रमुख ने रितेश पांडेय को लोकसभा संसदीय दल का नेता बनाया था।
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में BSP ने सपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और राज्य की 80 सीटों में 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। BSP ने अमरोहा से अपने सांसद दानिश अली को पार्टी से पिछले दिसंबर में निलंबित कर दिया। गाजीपुर के सांसद अफजाल अंसारी को समाजवादी पार्टी ने 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। जबकि जौनपुर के सांसद श्याम सिंह यादव की कांग्रेस से नजदीकियों की चर्चा है।