Himachal Pradesh: किडनैप हुए या अपनी मर्जी से गए कांग्रेस विधायक? हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार पर मंडरा रहा है बड़ा खतरा
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव और उसके नतीजे आने तक सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर इतना बड़ा खतरा मंडरा गया है कि उस से पार पाना उनके लिए काफी मुश्किल नजर आ रहा है। कुछ देर पहले BJP पर कांग्रेस के विधायकों का अपहरण करने का आरोप लगाने वाले CM सुक्खू ने अब अपने विधायकों को ही धोखेबाज कह दिया
Himachal Pradesh: मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि CRPF और हरियाणा पुलिस कांग्रेस के 5-6 विधायकों को अपने साथ ले गई
Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा (Rajya Sabha) की एक सीट के लिए हुए चुनाव (Voting) का नतीजा आ गया है। इसी के साथ ये भी साफ होता दिख रहा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने BJP पर कांग्रेस (Congress) के विधायकों का अपहरण (Kidnapping) करने का, जो आरोप लगाया था, वो कहीं न कहीं गलत लग रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये विधायक खुद अपनी मर्जी से हरियाणा के पंचकुला पहुंचा थे। अब खुद मुख्यमंत्री ने भी माना है कि उनके अपने ही 6 विधायकों ने उनके साथ धोखा किया है।
दरअसल इस सब की शुरुआत तब हुई, जब हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव (Himachal Rajya Sabha Elections) के लिए वोटिंग के बाद वोटों की गिनती चल रही थी। अचानक विधानसभा मतगणना के बीच हंगामा हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री ने मीडिया के सामने आरोप लगाया कि CRPF और हरियाणा पुलिस कांग्रेस के 5-6 विधायकों को अपने साथ ले गई।
मुख्यमंत्री ने लगाया अपहरण का आरोप
उन्होंने कहा, "वोटिंग शुरू हुई है और विपक्ष के नेता काउंटिंग ऑफिसर को आकर धमका रहे हैं। BJP के नेता बार-बार आकर लोगों को धमकी दे रहे हैं, वे कह रहे हैं कि वोट क्यों डालने दिया? मैं हिमाचल BJP इकाई के नेताओं से आग्रह करता हूं, धैर्य रखें, लोगों पर दबाव न डालें। CRPF और हरियाणा पुलिस का काफिला 5-6 विधायकों को ले गया है। मैं कह सकता हूं कि जो लोग चले गए हैं, उनके परिवार उनसे संपर्क कर रहे हैं, मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे अपने परिवारों से संपर्क करें... चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।"
उन्होंने आगे कहा, "लोकतंत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों ही जरूरी हैं, लेकिन विपक्ष में बैठी बीजेपी जो गुंडागर्दी कर रही है, उसे हिमाचल प्रदेश की जनता स्वीकार नहीं करेगी। हमारे पास कुछ तस्वीरें आई हैं, जिसमें बस में विधायकों किडनैप कर के ले जाया गया है।"
कौन-कौन हैं पंचकुला पहुंचने वाले विधायक?
News18 के मुताबिक, पंचकुला भेजे जाने वालों में सुजानपुर से विधायक राजेंद्र राणा, धर्मशाला के सुधीर शर्मा, लाहौल स्पीति के रवि सिंह ठाकुर, हमीरपुर के बड़सर से आईडी लखनपाल, ऊना के गगरेट से चैतन्य ठाकुर, देवेंद्र भुट्टो शामिल हैं। ये सभी कांग्रेस के विधायक हैं। वहीं, तीन निर्दलीय विधायकों में आशीष शर्मा, होशियार सिंह और केएल ठाकुर हैं।
इन सभी विधायकों को चंडीगढ़ से सटे पंचकूला के सेक्टर-1 पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में ले जाया गया है। हालांकि, जैसे ही चुनाव का नतीजा आया। न्यूज एजेंसी ANI ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के विधायक, जो शिमला से पंचकुला पहुंचे थे, वे अपने राज्य वापस लौट गए।
हार के बाद बदल गया CM सुक्खू का बयान
वहीं हार का सामना करने के बाद मुख्यमंत्री सुक्खू का बयान भी बदल गया, जो कुछ देर पहले विधायकों की किडनैपिंग की बात कर रहे थे, वो अब इन विधायकों पर ही धोखा देना का आरोप लगाते नजर आए।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में CM सुक्खू ने कहा, "जब किसी ने अपना ईमान ही बेच दिया। 9 क्रॉस वोटिंग हुई, उनमें से 3 निर्दलीय विधायक थे, लेकिन 6 अन्य ने अपना ईमान बेच दिया और उनके (अभिषेक सिंघवी) खिलाफ मतदान किया। उन्होंने अपना वोट बदला और अपने ईमान को बेचा है, लेकिन हिमाचल की जनता इस प्रकार की संस्कृति की आदि नहीं है।"
वहीं बीजेपी की तरफ से उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा, "जब विधानसभा सत्र चलेगा, तो हम देखेंगे... जो लोग गए हैं, उनके परिवार के लोग उनसे पूछ रहे हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया? तो अगर परिवार उनसे पूछ रहे हैं, तो शायद उनमें से कुछ लोग 'घर वापसी' के बारे में सोचेंगे।"
सुक्खू सरकार पर मंडरा रहा अविश्वास प्रस्ताव का खतरा
इससे पहले दिन खुद बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने दावा किया था कि कांग्रेस के कई नेता बीजेपी के संपर्क में हैं और सुक्खू सरकार अपना बहुमत खो चुकी है। साथ ही बीजेपी ने ये भी दावा किया था कि करीब 9 कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। अब चुनाव के नतीजे भी बता रहे हैं और खुद मुख्यमंत्री भी इस बात को मान रहे हैं कि क्रॉस वोटिंग हुई है।
वहीं ऐसी खबरें भी आ रही थीं कि बीजेपी सुक्खू सरकार के खिलाफ विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव लेकर आएगी, बस उसे इंतजार था, तो राज्यसभा चुनाव के नतीजों का।
इन सभी घटनाक्रम से कहीं न कहीं ऐसा लगता है कि हिमाचल प्रदेश के ये 9 विधायक अपनी मर्जी से ही पंचकुला गए थे। इस सब को देख कर किडनैपिंग जैसे आरोपों की बात में भी कोई दम नजर नहीं आता है। फिलहाल अब ये देखना होगी कि सुक्खू अपनी सरकार बचा पाते हैं या नहीं।