Farmers Protest 2024: लोकसभा चुनाव से पहले किसान आंदोलन! प्रदर्शन के समय को लेकर उठते सवाल, क्या होगा इसका असर?

Farmers Protest 2024: इस साल होने वाला लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) अब बमुश्किल दो महीने दूर है, लिहाजा आंदोलन की टाइमिंग पर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं आंदोलन के शुरू होते ही कांग्रेस ने भी MSP की गारंटी का कार्ड खेल दिया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि किसानों के आंदोलन से आम चुनावों में कोई बड़ा उलटफेर हो सकता है

अपडेटेड Feb 14, 2024 पर 7:45 PM
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Farmers Protest 2024: शंभू बॉर्डर के पास जुटे प्रदर्शनकारी किसान

Farmers Protest 2024: दो साल पहले करीब एक साल तक चले आंदोलन के बाद किसान एक बार फिर सड़क पर हैं। गाड़ियों और ट्रैक्टर के साथ बड़े-बड़े काफिले लेकर हरियाणा (Haryana) और पंजाब (Punjab) के किसान राजधानी दिल्ली की सीमा पर पहुंच चुके हैं। फिलहाल किसानों के ‘दिल्ली चलो’ मार्च (Delhi Chalo March) को पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर प्रशासन ने रोक कर रखा है, जहां पुलिस और किसानों के बीच कई झड़पों की भी खबर सामने आई। बता दें कि इस साल होने वाला लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) अब बमुश्किल दो महीने दूर है, लिहाजा आंदोलन की टाइमिंग पर भी सवाल उठने लगे हैं। वहीं आंदोलन के शुरू होते ही कांग्रेस ने भी MSP की गारंटी का कार्ड खेल दिया। ऐसे में सवाल ये उठता है कि किसानों के आंदोलन से आम चुनावों में कोई बड़ा उलटफेर हो सकता है? आइए जानते हैं यहां...

सरकार से बातचीत रही बेनतीजा

दिल्ली की ओर बढ़ने से पहले 12 फरवरी को केंद्र सरकार ने किसानों को बातचीत के जरिए रोकने की किशश की थी। चंडीगढ़ में तीन केंद्रीय मंत्री बातचीत के लिए किसानों के प्रतिनिधि-मंडल से मिले। हालांकि, किसान नेताओं और सरकार के बीच इस बैठक में कुछ भी नहीं निकला। कोई आम सहमति नहीं बन पाई और किसानों ने दिल्ली में प्रदर्शन करने का ठाना।


किसान कई मांगों के साथ, प्रमुख रूप से फसल की गारंटी वाला दाम चाहते हैं। किसानों के मुताबिक, सरकार ने ये भी आश्वासन दिया था कि MSP के एक नए ढांचे पर काम करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा, लेकिन सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए और वो एक बार फिर अंदोलन करने पर मजबूर हैं।

मोदी सरकार को इस बात से मिलेगी राहत!

दो साल पहले देश में जो किसान आंदोलन शुरू हुआ था, वो करीब एक साल तक चला था। इस बार एक साल पुराना संगठन किसान मजदूर मोर्चा और डेढ़ साल पहले बना संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) मिलकर आंदोलन कर रहे हैं। एक खास बात ये भी है कि इस नए आंदोलन में ज्यादातर पंजाब और हरियाणा के ही किसान देखे जा रहे हैं।

फिलहाल पूरे देश के किसान संगठन इस आंदोलन में शामिल भी नहीं हैं। ऐसे में किसान आंदोलन के देशव्यापी आंदोलन बनने की कम ही संभावना दिखती है, जो केंद्र सरकार के लिए एक राहत की बात होगी।

कांग्रेस को ये उम्मीद

उधर कांग्रेस ने भी वक्त की नजाकत को समझते हुए अपना चुनावी कार्ड भी खेल दिया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि कांग्रेस सभी किसानों को MSP की कानूनी गारंटी देगी।

राहुल गांधी ने अपनी 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के बीच में ही ये ऐलान किया। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, "किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है! कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार, MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।"

कांग्रेस की पहली गारंटी के ऐलान करने के ठीक एक दिन बाद राहुल गांधी झारखंड में अपनी‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के बीच से ही वापस लौट रहे हैं। पार्टी सूत्रों ने बताया कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता राहुल गांधी के राष्ट्रीय राजधानी में किसान के आंदोलन (Farmers Protest) में भाग लेने की योजना है। इस कारण यात्रा को रोका गया है।

पिछली बार नहीं था कोई असर

पिछली बार हुए किसान आंदोलन के ठीक बाद यानी फरवरी-मार्च 2022 में पांच राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब में विधानसभा चुनाव हुए थे। किसानों ने इन चुनावों में BJP के बहिष्कार की घोषणा की थी, लेकिन किसानों की इस अपील का जनता पर कोई असर नहीं हुआ था। BJP ने इनमें से चार राज्यों- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा में सफलता हासिल की थी, जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी बड़ी जीत हासिल करने में सफल रही थी।

यहां ये भी बता देना जरूरी है कि विधानसभा चुनाव से पहले 19 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वे तीन कृषि कानून वापस ले लिए थे, जिसके विरोध में किसान सड़कों पर डेरा डाले हुए थे। उस समय ये माना जा रहा था कि केंद्र सरकार ने आगामी विधानसभा चुनावों खासकर, उत्तर प्रदेश और पंजाब को देखते हुए ये तीनों कानून वापस लेने का ऐलान किया, क्योंकि कहीं न कहीं सरकार पर एक दबाव जरूर था।

उस दौरान PM मोदी ने राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में कहा था कि हम अपने किसान भाइयों को समझा नहीं सके, इसलिए ये तीनों कानून वापस लिए जा रहे हैं।

MoneyControl News

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First Published: Feb 14, 2024 6:44 PM

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