दुबई सरकार शहर के पब्लिक पार्किंग बिजनेस 'पार्किन (Parkin)' में अपनी करीब 25% हिस्सेदारी को इनीशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के जरिए बेचने की तैयारी कर रही है। दुबई सरकार की योजना इस निजीकरण के जरिए अपने कैपिटल मार्केट को बढ़ावा देने की है। एक बयान के मुताबिक, पार्किन में दुबई इनवेस्टमेंट फंड 74.97 करोड़ शेयर बेचेगा। यह 5 मार्च को सब्सक्रिप्शन के खुलेगा और 12 मार्च को इसके बंद होने की उम्मीद है। इंस्टीट्यूशनल निवेशकों के लिए बुक बिल्डिंग अवधि 13 मार्च को बंद होगा।
इससे पहले दुबई सरकार ने शहर के टैक्सी बिजनेस को सूचीबद्ध कराकर 31.5 करोड़ डॉलर जुटाए थे। दरअसल दुबई सरकार ने साल 2021 के अंत में 10 सरकारी स्वामित्व वाली कंपनियों को शेयर बाजार में सूचीबद्ध कराने की योजना का ऐलान का किया था।
दुबई को उम्मीद है कि इससे उसके कैपिटल मार्केट में ट्रेडिंग वॉल्यूम बढ़ेगा और उसका स्टॉक मार्केट भी अबूधाबी और रियाद का मुकाबला कर पाएगा। ये IPO इसी योजना का हिस्सा है। ब्लूमबर्ग की ओर से जुटाए आंकड़ों के मुताबिक, तब से दुबई अमीरात ने 5 कंपनियों में हिस्सेदारी बेची है, जिससे लगभग 8.6 अरब डॉलर जुटाए गए हैं।
एमिरेट्स इनवेस्टमेंट अथॉरिटी और लोकल मिलिट्री पर्सोनेल के सोशल सिक्योरिटी फंड में प्रत्येक के लिए इस आईपीओ में 5% हिस्सा आरक्षित रखा गया है। पार्किन ने कहा कि वह वित्त वर्ष 2024 में कमाए पूरे लाभ 100% या इक्विटी का फ्री कैश फ्लो हो, जो भी अधिक हो, उसे न्यूनतम डिविडेंड के तौर पर देने की योजना बना रहा है।
ऊर्जा से समृद्ध फारस की खाड़ी पिछले 2 सालों से IPO बूम के बीच में है क्योंकि सरकारों ने तेल के बाद के युग के लिए धन जुटाने के लिए राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों को सूचीबद्ध किया है। कच्चे तेल की ऊंची कीमतों और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी ने भी आईपीओ लहर में योगदान दिया है।
तेल से समृद्ध खाड़ी देशों में पिछले 2 सालों के दौरान काफी IPO देखे गए हैं। वहां की सरकारों ने भी तेल पर अपनी निर्भरता को कम करने के लिए कई सरकारी कंपनियों को लिस्ट कराकर फंड जुटाए हैं। क्रूड ऑयल की अधिक कीमतों और विदेशी निवेशकों की बढ़ी दिलचस्पी ने भी IPO की लहर को बढ़ाने में योगदान दिया है।