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VIDEO: ट्रक ड्राइवर से 'औकात' पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर पर एक्शन, सीएम मोहन यादव ने DM को पद से हटाया गया

MP News: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सभी के काम और भाव का सम्मान होना चाहिए। शाजापुर में ट्रक ड्राइवर्स से जुड़ी घटना में कलेक्टर को पद से हटाया गया है। यह सरकार गरीबों की सरकार है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में हम गरीब कल्याण के लिए कार्य कर रहे हैं। अधिकारियों को अपनी भाषा और व्यवहार का ध्यान रखना चाहिए

Akhileshअपडेटेड Jan 03, 2024 पर 2:53 PM
VIDEO: ट्रक ड्राइवर से 'औकात' पूछने वाले शाजापुर कलेक्टर पर एक्शन, सीएम मोहन यादव ने DM को पद से हटाया गया
MP News: कलेक्टर और ट्रक ड्राइवर के बीच बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है

MP News: एक ट्रक ड्राइवर को 'औकात' दिखाने वाले मध्य प्रदेश के शाजापुर कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल (Shajapur Collector Kishor Kanyal) पर कार्रवाई हो गई है। जिलाधिकारी का वीडियो वायरल होने के बाद मुख्यमंत्री मोहन सरकार ने सख्त कार्रवाई करते हुए कलेक्टर को पद से हटा दिया है। कलेक्टर किशोर कन्याल द्वारा ट्रक ड्राइवरों के साथ बैठक के दौरान आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किए जाने पर सीएम मोहन यादव ने बुधवार को कहा कि एक अधिकारी का इस तरह की भाषा बोलना उचित नहीं है। ये सरकार गरीबों की सरकार है। ऐसे में चाहें कोई कितना भी बड़ा अधिकारी हो उसे काम का भी सम्मान करना चाहिए और भाव का भी सम्मान करना चाहिए।

दरअसल, मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के कलेक्टर और एक ट्रक ड्राइवर के बीच बैठक में बातचीत का वीडियो वायरल हो गया है। वीडियो में दिख रहा है कि कलेक्टर किशोर कन्याल ने अपना आपा खो दिया और ड्राइवर से पूछा, "क्या करोगे तुम, क्या औकात है तुम्हारी?" इस पर, ड्राइवर ने कहा, "यही तो लड़ाई है कि हमारी कोई औकात नहीं...।" पीटीआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, फिर उस आदमी को मीटिंग से दूर ले जाया गया।

वीडियो सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से साझा किया गया। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कलेक्टर की निंदा की। कांग्रेस सांसद ने वीडियो के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है, तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तुगू क्या है?" बाद में कलेक्टर कार्यालय ने एक स्पष्टीकरण जारी कर कहा कि बैठक में व्यक्ति 3 जनवरी के बाद विरोध को किसी भी स्तर तक बढ़ाने के लिए बार-बार धमकी दे रहा था। स्पष्टीकरण में कहा गया है कि कलेक्टर ने उस व्यक्ति को नियंत्रित करने के लिए कठोर लहजे का इस्तेमाल किया, न कि किसी को चोट पहुंचाने के लिए...।

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