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Ashok Veeraraghavan: भारतीय इंजीनियर को टेक्सास के सर्वोच्च अकादमिक पुरस्कार से किया गया सम्मानित

Ashok Veeraraghavan: वीरराघवन अपने रिसर्च के जरिए ऐसे इमेजिंग परिदृश्यों के लिए समाधान मुहैया कराने की कोशिश कर रहे हैं जब प्रकाश के बिखरने के कारण इमेजिंग टेक्नोलॉजी किसी व्यक्ति को देखने में असमर्थ होती है। वीरराघवन ने कहा कि आजकल अधिकांश इमेजिंग सिस्टम्स इस तरह से डिजाइन की जाती हैं कि इन तीनों चीजों को एक साथ ध्यान में नहीं रखा जाता है

Akhileshअपडेटेड Feb 26, 2024 पर 11:18 AM
Ashok Veeraraghavan: भारतीय इंजीनियर को टेक्सास के सर्वोच्च अकादमिक पुरस्कार से किया गया सम्मानित
Ashok Veeraraghavan: यह पुरस्कार मेडिकल, इंजीनियरिंग, विज्ञान और टेक्नोलॉजी इनोवेशन में दिया जाता है

भारतीय मूल के जाने-माने कंप्यूटर इंजीनियर और प्रोफेसर अशोक वीरराघवन (Ashok Veeraraghavan) को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए 'एडिथ और पीटर ओ'डॉनेल' पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह अवॉर्ड टेक्सास के सर्वोच्च शैक्षणिक पुरस्कारों में से एक है। राज्य के उभरते शोधकर्ताओं को यह पुरस्कार प्रदान करने वाली 'टेक्सास एकेडमी ऑफ मेडिसिन, इंजीनियरिंग, साइंस एंड टेक्नोलॉजी' (TAMEST) ने कहा कि राइस यूनिवर्सिटी के जॉर्ज आर. ब्राउन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग में 'इलेक्ट्रिकल और कंप्यूटर इंजीनियरिंग' के प्रोफेसर वीरराघवन को इसके लिए चुना गया था।

उन्हें अदृश्य को दृश्यमान बनाने का प्रयास करने वाली उनकी परिवर्तनकारी इमेजिंग टेक्नोलॉजी के लिए यह पुरस्कार दिया गया है। यह पुरस्कार मेडिकल, इंजीनियरिंग, जैव विज्ञान, भौतिक विज्ञान और टेक्नोलॉजी इनोवेशन में अग्रणी कार्य करने वाले राज्य के प्रतिष्ठित शोधकर्ताओं को प्रतिवर्ष दिया जाता है।

वीरराघवन ने जताई खुशी

मूल रूप से चेन्नई के रहने वाले वीरराघवन ने यह पुरस्कार मिलने के बाद पीटीआई से कहा, "मैं यह पुरस्कार प्राप्त कर बहुत खुश हूं। यह उस अद्भुत और न्यूज रिसर्च का सम्मान है जो राइस यूनिवर्सिटी में कम्प्यूटेशनल इमेजिंग लैब में कई छात्रों, पोस्टडॉक (PhD की डिग्री प्राप्त करने के बाद शोध करने वाले शोधकर्ता) और वैज्ञानिकों ने पिछले दशक किया है।"

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