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MPC Meet: रेपो रेट को चौथी बार जस का तस छोड़ सकता है RBI, कौन से फैक्टर्स बनेंगे वजह

उधार लेने की लागत जो पिछले साल मई में बढ़ना शुरू हुई थी, RBI द्वारा फरवरी के बाद से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर जस का तस रखने के साथ स्थिर हो गई है। RBI ने 8 फरवरी, 2023 को बेंचमार्क रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा महंगाई और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ वैश्विक कारकों को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 24, 2023 पर 3:26 PM
MPC Meet: रेपो रेट को चौथी बार जस का तस छोड़ सकता है RBI, कौन से फैक्टर्स बनेंगे वजह
रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से CPI-बेस्ड महंगाई को ध्यान में रखता है।

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) अक्टूबर की शुरुआत में होने वाली अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक (MPC Meet) में लगातार चौथी बार नीतिगत दरों (Repo Rate) को जस का तस रख सकता है। इसकी वजह है कि खुदरा महंगाई लगातार ऊंची बनी हुई है और अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने सख्त रुख बनाए रखने का फैसला किया है। फेडरल रिजर्व ने हाल की बैठक में ब्याज दरों को अपरिवर्तित रखा है। RBI ने 8 फरवरी, 2023 को बेंचमार्क रेपो रेट को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया था। तब से इसने अत्यधिक उच्च खुदरा महंगाई और अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की ऊंची कीमतों सहित कुछ वैश्विक कारकों को देखते हुए दरों को उसी स्तर पर बरकरार रखा है।

RBI (Reserve Bank of India) गवर्नर की अध्यक्षता वाली 6 सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (MPC) की बैठक 4-6 अक्टूबर, 2023 को होने वाली है। MPC की आखिरी बैठक अगस्त में हुई थी। रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक नीति तय करते समय मुख्य रूप से CPI-बेस्ड महंगाई को ध्यान में रखता है। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) बेस्ड खुदरा महंगाई अगस्त में थोड़ी कम होकर 6.83 प्रतिशत हो गई, जो जुलाई 2023 में 7.44 प्रतिशत थी। हालांकि यह अभी भी RBI के 6 प्रतिशत के कंफर्ट लेवल से ऊपर है। खुदरा महंगाई के सितंबर माह में और कम होने की उम्मीद है। लेकिन महंगाई के साथ-साथ कच्चे तेल की ऊंची कीमतों के बादल एमपीसी की आगामी बैठक पर छाए रहने का अनुमान है।

RBI का महंगाई दर अनुमान

RBI ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा महंगाई 5.4 प्रतिशत, जुलाई-सितंबर 2023 में 6.2 प्रतिशत, अक्टूबर-दिसंबर 2023 में 5.7 प्रतिशत और जनवरी-मार्च 2024 में 5.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है, जिसमें जोखिम समान रूप से संतुलित हैं। अप्रैल-जून 2023 तिमाही में खुदरा महंगाई 5.2 प्रतिशत अनुमानित है। उधार लेने की लागत जो पिछले साल मई में बढ़ना शुरू हुई थी, RBI द्वारा फरवरी के बाद से रेपो रेट को 6.5 प्रतिशत पर जस का तस रखने के साथ स्थिर हो गई है।

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